हापुड़। आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस World Environment Day मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस भारत के साथ दुनियाभर के देशों में मनाया जा रहा है। पर्यावरण का अर्थ उस प्राकृतिक परिवेश से है, जिसमें हम रहते हैं। हमारे चारों ओर के सभी जीव और निर्जीव तत्व पर्यावरण का हिस्सा है, जैसे हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे और जीव-जंतु।
5 जून को हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के साथ ही पूरी दुनिया में यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन सालभर में घटी पर्यावरण समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए सबसे अहम घटक पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाता है। साथ ही उन समस्याओं का हल निकालने की कोशिश कर जनजागृति अभियान चलाया जाता है। साथ ही लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता निर्माण किया जाता है।
प्रकृति के बिना मानव जीवन खत्म हो जाएगा, इस बात से भली भांति परिचित होते हुए भी लोग प्रकृति और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण दुनिया विनाश की ओर जा रही है। मौसम में होता बदलाव इसका एक संकेत है। अत्यधिक बढ़ते तापमान का एक कारण ग्लोबल वार्मिंग है, जो मानव जीवन को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में पर्यावरण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करके प्रकृति को हो रहे नुकसान को रोका जा सकता है।
आज, सभी देशों के लोग विश्व पर्यावरण दिवस 2024 मनाने के लिए एकजुट होते हैं। 5 जून को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस हमारे ग्रह की सुरक्षा की वकालत करते हुए अधिक टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है?
1972 में 5 जून को स्वीडन के स्टॉकहोम में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस दिन को सम्मान देते हुए 1973 में दुनिया ने अपना पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया. तब से लेकर अब तक हर साल इसी दिन यह खास दिन मनाया जाता है।