हापुड़ जिले में 200 करोड़ से अधिक की रिवैंप योजना (आरडीएफएस) के कार्यों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगने लगा है। अधिकारियों ने कार्यदायी संस्था को पत्राचार कर कहा है कि इस तरह के कार्यों से उपभोक्ताओं को निर्बाध सप्लाई देना संभव नहीं है। केरल की टीम को निगरानी के लिए लगाया गया है, हालांकि कार्य में सुधार होता नहीं दिख रहा।
जिले के ऊर्जीकरण के लिए रिवैंप और बिजनेस प्लान योजना चल रही है। बिजनेस प्लान में भी 20 करोड़ से कार्य होने हैं, लेकिन कार्यों की धीमी गति अधिकारियों का सिर दर्द बनी हुई है। बड़ी बात यह है कि 200 करोड़ से अधिक की रिवैंप योजना के कार्य भी गुणवत्तापरक नहीं हो रहे हैं। गांव और मोहल्लों में पड़ताल करें तो आधे अधूरे कार्य किए गए हैं। जिसके कारण निर्बाध सप्लाई का सपना पूरा नहीं हो रहा है, जबकि अप्रैल महीना खत्म होने को है।
पिलखुवा डिवीजन से कार्यदायी संस्था को नोटिस जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही सर्किल ने भी संज्ञान लिया है। पिलखुवा डिवीजन से जारी पत्र में यह तक कहा गया है कि विभागीय नियमानुसार मानकों के अनुरूप गुणवत्तापूर्वक कार्य नहीं हो रहा है। कार्य की गणवत्ता खराब होने से उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान किया जाना संभव नहीं है। भविष्य में दुर्घटनाओं की भी संभावना है। इस तरह के पत्र से साफ है कि करोड़ों की योजनाओं में झोल है।
अधीक्षण अभियंता अवनीश कुमार- ने बताया की ऊर्जीकरण के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। कार्यों की गुणवत्ता सुधारने और कार्य में तेजी लाने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। थर्ड पार्टी द्वारा भी कार्यों का सत्यापन किया जा रहा है।