हापुड़ में लोगों को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए गर्मियों से पहले हापुड़ डिवीजन के छह बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि को मंजूरी के बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं मिल सके हैं। जबकि मार्च में ही बिजली की मांग 18 लाख यूनिट तक बढ़ गई है। गर्मियों में हर महीने दस फीसदी खपत बढ़ने के आसार हैं। बिजनेस प्लान में काम अधूरे हैं, ऐसे में फाल्ट और लो वोल्टेज फिर रुलाएंगे।
गर्मियों के सीजन में जिले के लोगों को बिजली की समस्या से परेशान, फाल्ट और लो वोल्टेज की समस्या से उबरने के इंतजाम शुरू नहीं किए हैं। अक्तूबर से फरवरी तक जिले में बिजली की डिमांड प्रति महीना 90 लाख यूनिट से 105 लाख यूनिट तक रही है। जबकि गर्मियों में खपत इन महीनों के मुकाबले डेढ़ गुना पहुंचने के आसार हैं। मार्च में ही तापमान 30 डिग्री के करीब पहुंच गया है, जिससे बिजलीघर हांफने लगे हैं।
17 तापमान बढ़ने से पंखे और एसी भी चलने शुरू हो गए हैं, जिस कारण मार्च की शुरुआत में ही बिजली की डिमांड बढ़ी है। अफसरों ने करीब 18 लाख यूनिट की अतिरिक्त डिमांड भेजी है। इसके अनुसार सप्लाई मिल रही है। हापुड़ डिवीजन की बात करें तो फरवरी में खपत 34 लाख यूनिट की थी, मार्च में बढ़कर 40 लाख यूनिट तक पहुंचने के आसार हैं।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल- ने बताया की गर्मियों में उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति मिलेगी, हर महीने बिलजी की डिमांड दस फीसदी तक बढ़ने के आसार हैं। जिन बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि को मंजूरी मिल गई है, ट्रांसफार्मर मिलते ही लगवाया जाएगा।