हापुड़ में मोबाइल का अधिक उपयोग लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा है। उनकी गर्दन अकड़ रही तो कंधे में भी दर्द हो रहा है। नौकरी पेशे वालों के साथ ही घरेलू महिलाएं भी सर्वाइकल की शिकार हो रही हैं। गर्दन और सिर में भयंकर दर्द से परेशान हैं। अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीज बढ़े हैं, जिला अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए मरीज पहुंच रहे हैं।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि सर्वाइकल के दर्द के अधिकांश मरीज बैंक, सरकारी व निजी संस्थाओं में काम करने वाले ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें घंटों तक लगातार कुर्सियों पर बैठना पड़ता है। काम के बोझ के कारण उनके गर्दन और कमर की हड्डी पर जोर पड़ रहा है, जो उनका दर्द बढ़ा रहा है। इसके अलावा घरेलू महिलाओं में भी सर्वाइकल दर्द की समस्या में इजाफा हो रहा है। इसके पीछे काम-काज के दौरान बरती जा रही लापरवाही और काफी देर तक मोबाइल पर समय बिताना वजह है।
इन दिनों कई ऐसी बीमारियाँ हैं जो कुछ साल पहले तक किसी बीमारी की श्रेणी में गिनी ही नहीं जाती थी, जो अब बड़ी तकलीफ बनकर खड़ी हो जाती हैं, जी हां जॉइंट पेन, बैक पेन, सर्वाइकल पेन जैसी शरीरिक समस्या ऐसी दर्दनाक होती हैं, जिसे देखने वाला समझ नहीं पाता और झेलने वाला इसके दर्द को बयान नहीं कर पाता।
यह समस्या हड्डियों से जुड़ी है, जिसके होने पर कंधों, गर्दन आदि में गंभीर दर्द होता है जिसे हम सर्वाइकल का दर्द कहते हैं। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। आज के दौर में अनियमित दिनचर्या के कारण लगभग हर तीसरे व्यक्ति को सर्वाइकल की परेशानी सहनी पडती हैं। घंटों बैठे रहना, खराब मुद्रा, झुक कर बैठना और कई अन्य गलत आदतों की वजह से इस परेशानी का सामना बड़ी तादाद में लोगों को करना पड़ता है।