हापुड़। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य मनीषा अहलावत ने बुधवार को सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में जनसुनवाई कर महिलाओं की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने को कहा।
जनसुनवाई के दौरान आयोग की सदस्य के समक्ष दहेज उत्पीड़न, पारिवारिक विवाद और घरेलू हिंसा जैसे 10 मामलों की शिकायतें आईं। मनीषा अहलावत ने सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित थानों के प्रभारियों को तुरंत जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए।
सीएचसी का निरीक्षण, व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश
जनसुनवाई के पश्चात उन्होंने स्थानीय सीएचसी का निरीक्षण किया। महिला वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से बातचीत कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा से जुड़ी हर जरूरी सुविधा समय पर मिलनी चाहिए।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी की ओर ध्यान दिलाया
सीएचसी के स्टाफ ने निरीक्षण के दौरान आयोग सदस्य को बताया कि अस्पताल में ईएनटी, सर्जन, और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की कमी है। इस पर मनीषा अहलावत ने आश्वस्त किया कि इस विषय को उच्च स्तर पर उठाया जाएगा, ताकि अस्पताल में आवश्यक विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति हो सके।
समाज में जागरूकता ज़रूरी
उन्होंने कहा कि महिला आयोग महिलाओं की समस्याओं के प्रति सजग है और पीड़िताओं को न्याय दिलाना उसकी प्राथमिकता है। साथ ही उन्होंने समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और न्यायिक अधिकारों को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।