जनपद हापुड़ में मौसम में बदलाव के साथ वातावरण में प्रदूषण की स्थिति भी खराब होने लगी है। पिछले एक सप्ताह से जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के आसपास बना हुआ है। लेकिन एक सप्ताह में इसके तीन सौ के पास पहुंचने की आशंका जाहिर की जा रही है। आसपास के राज्यों में जलाई गई पराली और मौसम में बदलाव इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है।
पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव हुआ है। दिन में तेज धूप और गर्मी भले ही बरकरार हो, लेकिन सुबह शाम और रात में ठंडक हो रही है। बुधवार को जिले का एयर कंट्रोल इंडेक्स (एक्यूआई) 210 दर्ज किया गया। जबकि एक माह पहले यही एक्यूआई केवल 60 के आसपास था। आगामी दिनों में जहां ठंडक बढेगी, वहीं धुंध और पराली जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा। जिससे लोगों को खासी दिक्कत होगी। अभी भी लोगों में आंखों में जलन का अहसास हो रहा है। ऐसे में कुछ लोगों को सचेत रहने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में प्रदूषण की वजह से परेशानी और भी बढ़ सकती है, क्योंकि सर्दी का मौसम नजदीक है और दिवाली के बाद स्मॉग बढ़ जाता है।
मौसम विज्ञानी डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि मौसम में ठंडक, आसपास के क्षेत्र की स्थिति और बन रही अन्य परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले कुछ दिनों में प्रदूषण की स्थिति और खराब रहेगी। अगले एक सप्ताह में एक्यूआई 300 के आसपास पहुंच सकता है। अस्थमा, एलर्जी और हृदय रोगी रहें सचेत डॉ. गौरव मित्तल का कहना है कि ऐसे मौसम में अस्थमा, एलर्जी, हृदय एवं रक्तचाप रोगियों की परेशानी थोड़ी बढ़ने लगी है। हालांकि अभी इनकी संख्या कम है। लेकिन इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है।
दरअसल, मौसम में बदलाव का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है। अगले कुछ दिनों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। ऐसे में अभी से एहतियात जरूरी हैं। इस स्थिति में लोगों में क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी), ब्रोंकाइटिस, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश व दर्द, खांसी और जुकाम की समस्या बढ़ने लगी है। सावधानी एवं जागरूकता से ही प्रदूषण संबंधी इन परेशानियों से बचा जा सकता है।