गेहूं की फसल में खरपतवार ने बढ़ाई चिंता, विभाग के अधिकारी गांवों में चौपाल लगाकर किसानों को करेंगे जागरूक
जनपद हापुड़ में गेहूं की फसल में खरपतवार होने से किसानों की चिंता बढ़ गई हैं। संकरी और चौड़ी पत्तियों के खरपतवार से फसल उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
कृषि विभाग के अधिकारी गांवों में चौपाल लगाकर किसानों को जागरूक करेंगे। जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने कि गेंहू में खरपतवार पैदा हो रहा है।
संकरी पत्ती वाले खरपतवार जैसे गेहूं और जंगली जेई के नियंत्रण के लिए किसान सल्फोसल्फयूरान 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी 33 ग्राम को 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से बुआई के 20 से 25 दिन के बाद फ्लैटफैन नाजिल से छिड़काव करना चाहिए।
चौड़ी पत्ती खरपतवार जैसे बथुआ, सैंजी, कृष्ण नील, हिरन खुरी, चटरी मटरी, जंगली गाजर के नियंत्रण के लिए 2 से 4 डी सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत टेक्नीकल की 625 ग्राम अथवा मेट सल्फ्यूरान मिथाइल 20 प्रतिशत डब्ल्यूपी 20 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से बुआई के 20 से 25 दिन के बाद छिड़काव करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिले के राजकीय कृषि रक्षा इकाईयों पर गेहूं की संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए सल्फोसल्फयूशन 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी उपलब्ध है, यह किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर मिलेगी।