हापुड़। बार-बार बदलते मौसम ने हृदय रोगियों की चिंता बढ़ा दी है। तापमान के उतार-चढ़ाव से रक्तचाप की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिसका सीधा असर दिल की सेहत पर पड़ रहा है। जिले के सरकारी अस्पतालों में पिछले एक सप्ताह में ऐसे 12 मरीज सामने आए हैं, जिनमें हृदय संबंधी गंभीर लक्षण पाए गए और उन्हें मेरठ रेफर किया गया।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल के अनुसार, कभी तेज गर्मी तो कभी बादलों के कारण मौसम में आ रहे अचानक बदलाव से शरीर पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक काम का बोझ, मानसिक तनाव, अनियमित खानपान, शराब का सेवन, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज जैसे कारक दिल के रोगों को बढ़ा रहे हैं।
ओपीडी में बढ़ रहे हृदय संबंधी मरीज
सीएचसी और जिला अस्पताल की ओपीडी में लगातार ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें सीने में जकड़न, हाथ-पैरों का सुन्न होना, नसों की कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं हो रही हैं। ईसीजी जांच में कई मरीजों की रिपोर्ट में अनियमितताएं पाई गई हैं। इसके अलावा खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त और सिर दर्द जैसे वायरल लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
विशेष सावधानी की आवश्यकता
डॉ. मित्तल ने कहा कि विशेष रूप से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों को इस मौसम में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्हें नियमित रूप से दवा लेना, खानपान पर ध्यान देना और मानसिक तनाव से बचना चाहिए।
इलाज में सीमित संसाधन, मरीज हो रहे रेफर
हापुड़ जिले के सरकारी अस्पतालों में हृदय रोगों के उपचार की सुविधा सीमित है। जटिल लक्षण मिलने पर मरीजों को मेरठ रेफर करना ही एकमात्र विकल्प बचता है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को अतिरिक्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।