जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में सावन के महीने में पहाड़ और मैदानी क्षेत्रों की बारिश से खादर में बाढ़ के हालात बन रहे हैं। जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर खादर क्षेत्र के निचले जंगल में पानी भरना शुरू हो गया है।
पहाड़ों समेत मैदानों में बारिश होने से गंगा में एक बार फिर उफान आने से खादर के खेतों तक गंगा का पानी पहुंच गया है। ऐसे में किसानों को पशुओं के लिए चारा लाने में भी दिक्कत हो सकती है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू होने से खादर क्षेत्र के ग्रामीणों में बेचैनी बढ़ने लगी है। गंगा के उफान के साथ ही बारिश का पानी भरने से निचले जंगल में खड़ीं फसलों में काफी बर्बादी हो रही है। जिससे किसानों को अपने पशुओं के लिए चारे की किल्लत झेलनी पड़ रही है।
पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश से ब्रजघाट गंगा उफान की तरफ बढ़ रही है। जिससे खादर क्षेत्र में गड़ावली, नयाबांस, आरकपुर, बलवापुर, बख्तावरपुर, नयागांव इनायतपुर, भगवंतपुर, अब्दुल्लापुर, रामपुर न्यामतपुर, मंढैया किशन सिंह, काकाठेर, रेतावाली, लठीरा, कुदैनी मंढैया, मोहम्मदपुर शाकरपुर, मोहम्मदपुर खादर समेत डेढ़ दर्जन से भी अधिक गांवों के निचले जंगल में पानी भर गया है।
गन्ना, चारा और हरी सब्जी की खेती में नुकसान होने के साथ ही धान की पछेती पौध की रोपाई भी ठप हो गई है। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ रही है।मंगलवार की शाम ब्रजघाट गंगा का जलस्तर 198.40 मीटर (समुद्र तल से) था, जो बुधवार की देर शाम तक 22 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी के साथ 198.62 मीटर दर्ज किया गया।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष मेरठ के अनुसार बुधवार को भी बिजनौर बैराज से एक लाख 68 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज किया गया है। जिसके बृहस्पतिवार को क्षेत्र में पहुंचने से जलस्तर में और बढ़ोतरी होगी।