हापुड़ में आचार संहिता लागू होने और बजट के अभाव में जिले के 127 गांवों में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू नहीं हो सका है। इसके लिए सात करोड़ रुपये खर्च होंगे, लेकिन बजट के अभाव में कार्य पूरा नहीं हो सका है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत सभी गांवों में कूड़ा निस्तारण केंद्र का निर्माण कराया जाना है।
पशिष्ट प्रबंधन आम तौर पर कच्चे माल के निष्कर्षण, कच्चे माल के अंतिम उत्पादों में प्रसंस्करण, और अन्य मानवीय गतिविधियों के समय उत्पन्न सभी प्रकार के ठोस या तरल कचरे से संबंधित है। इसका उद्देश्य मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर हानिकारक प्रभावों को कम करना है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत सभी ग्राम पंचायतों में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन के लिए सभी गांवों में कूड़ा निस्तारण केंद्र का निर्माण कराया जाना है।
अपशिष्ट प्रबंधन पर्यावरण प्रबंधन और संरक्षण का ही एक अहम पहलू है। घरों, शहरों और कंपनियों से निकलने वाले कूड़े और बेकार चीजों को खुले में फेंक देने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। इसलिए पर्यावरण को स्वच्छ व सुरक्षित रखने के लिए बेकार सामान को पुनर्चक्रित किया जाता है।
जिला पंचायत राज अधिकारी शिव बिहारी शुक्ला का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में कूड़ा निस्तारण केंद्र के लिए शासन से बजट की मांग की जाएगी।