हापुड़ – जिला कार्यालय भाजपा पर जिला अध्यक्ष नरेश तोमर के नेतृत्व मे वक्फ सुधार जनजागरण अभियान के अन्तर्गत आयोजित “अल्पसंख्यक जन संवाद” कार्यक्रम में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मानसिंह गोस्वामी व प्रदेश उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा जमालुद्दीन सिद्दीकी, जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर जी, विधायक सदर विजयपाल आढ़ती बतौर अतिथि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित अल्पसंख्यक समाज के प्रबुद्ध जनों को वक्फ संशोधन के फायदों व जनकल्याणकारी नीतियों के विषय में बताते हुए, मुख्य अतिथि के रूप में मानसिंह गोस्वामी और जमालुद्दीन ने वक्फ बोर्ड पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की आवश्यकता क्यों थी। उन्होंने बताया 2013 अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड न्यूनतम जांच और संतुलन के साथ एक तरफ रूप से संपत्तियों को वक्फ घोषित कर सकते थे।
खास तौर पर विवादास्पत उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ प्रावधान के माध्यम से जिसके तहत केवल लंबे समय तक धार्मिक उपयोग के आधार पर संपत्तियों पर दावा करने की अनुमति दी गई थी। इससे मनमानी ढंग से संपत्ति के दावे अतिक्रमण और सरकारी समपत्तियों को वक्फ घोषित करने सहित कई मुद्दे सामने आए। वर्तमान अधिनियम वक्त प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाब देही बढ़ाने मनमानी ढंग से संपत्ति अधिग्रहण को रोकने तथा धार्मिक स्वतंत्रता और समानता से संबंधित संवैधानिक चिताओं को दूर करने के लिए बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि वक्फ क्या है l वक्फ इस्लामी कानून के अंतर्गत स्थापित एक अपरिवर्तनीय निधि है। जिसे भारत में वक्फ अधिनियम 1995 के तहत मान्यता प्राप्त और विनियमित किया जाता है। इस शब्द में इस्लामी कानून के तहत पवित्र धार्मिक या धर्मराज कर्म से किए गए संविधान शामिल है। वक्त बोर्ड और उनके द्वारा नियंत्रित संपत्तियां भारत में इस्लामी जीवन के महत्वपूर्ण अंग है। क्योंकि वह अनगिनत मस्जिदों धार्मिक और परोपकारी संस्थाओं के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं। हालांकि आप की व्यवस्थापन प्रणाली बहुत दुर्बल है इसमें कोई जवाब देही नहीं है।
इसी कारण वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 बनाया गया। ताकि वक्फ प्रशासन को सुव्यवस्थित किया जा सके। यूपीए सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2013 में बोर्ड की शक्तियों का विस्तार करके मनमानी ढंग से भूमि अधिग्रहण को सक्षम करके संपत्ति के अधिकारों को कमजोर कर दिया। इसमें पारदर्शिता की कमी और हितधारकों की चिताओं को नजर अंदाज करने के साथ ही बिना किसी अधिनियम कानून के फैसला किया गया। उन्होंने कर्नाटक तथा कई बक्स बोर्ड भूमि घोटाला को उजागर किया।
जिसमें 2 लाख करोड़ की चोरी 2012 की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कर्नाटक में 22000 एकड़ वक्त भूमि को अवैध रूप से भेज दिया गया या नाम मात्र कीमत पर लीज पर दिया गया। इस घोटाले से हिंदू राजनेताओं भू माफियाओं और वक्त अधिकारियों को फायदा हुआ जबकि गरीब मुसलमान को कुछ भी नहीं मिला। कर्नाटक में वक़फ बोर्ड घोटाले में कई कांग्रेसी नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि वक़फ बोर्ड खुद मुस्लिम स्कूलों पर हमला कर रहे हैं। मैसूर में स्कूल चलाने वाले मुस्लिम ट्रस्ट को अदालत में लड़ाई लड़नी पड़ी। जबकि उनका काम बच्चों को शिक्षित करना था।
चेन्नई में 100 साल पुरानी पारिवारिक संपत्ति को अचानक वक्त घोषित कर दिया गया पुणे में एक मुस्लिम परिवार की जमीन को बिना किसी सूचना के वक्त घोषित कर दिया गया। जिससे उन्हें कानूनी मुकदमों में फसना पड़ा फंसना पड़ा मुस्लिम दुकानदारों को रातों रात बेच दिया गया। लखनऊ में पुन विकास के नाम पर सैकड़ो मुस्लिम दुकानदारों की दुकान बिना किसी अधिकार के दुकानों का मुआवजा नहीं दिया गया। लगभग 70% संपत्तियों पर अवैध कब्जा हो चुका है। जबकि बाकी संपत्तियां माल होटल और उद्योगों को नाम मात्राएं पर इस पर दे दी गई है। उन्होंने कहा कि 2006 की सच्चर कमेटी रिपोर्ट ने कांग्रेस सरकार की सफलता को जाकर किया। जिसके अनुसार मुसलमान की स्थिति शिक्षण नौकरियों और सरकारी सेवा में दलितों से भी खराब हो गई।