जनपद हापुड़ में निकाय चुनाव निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। पोलिंग बूथ पर मतदान के दौरान एजेंट वोटर को वोट डालने से नहीं रोक पाएंगे। मतदाता की जांच कराने के लिए वोट चैलेंज करना होगा।
पीठासीन अधिकारी मौके पर ही चैलेंज वोट से असली व नकली मतदाता की पहचान की जाएगी। जांच में अगर मतदाता की वास्तविक रूप में पहचान प्रमाणित होती है तो उसे वोट डालने दिया जाएगा। एजेंट को वोट चैलेंज करने के लिए पांच रुपये का शुल्क जमा करना होगा।
निकाय चुनाव में पोलिंग बूथों पर तरह तरह की परिस्थितियां सामने आती रहती हैं। जिसमें एजेंट मतदाताओं की पहचान पर सवाल उठाते हैं और आइडी स्पष्ट न होने पर वोटर को फर्जी बताकर मतदान करने से रोक देते है और मतदाता मतदान करने से वंचित रह जाते हैं। लेकिन इस बार निकाय चुनाव में वोटर के खिलाफ एजेंट का मौखिक आरोप पीठासीन अधिकारी नहीं मानेंगें।
यदि कोई एजेंट मतदाताओं की पहचान पर सवाल उठाता है, तो निकाय चुनाव में पोलिंग बूथ पर पीठासीन अधिकारी के पास वोट को चैलेंज करना होगा। इसके लिए एजेंट को पांच रुपये की रसीद कटानी होगी। उसके बाद पीठासीन अधिकारी वोटर की जांच पड़ताल करेगा।
जांच में अगर मतदाता की वास्तविक रूप में पहचान प्रमाणित होती है तो उसे वोट डालने दिया जाएगा और चैलेंज करने वाले एजेंट का पांच रुपया शुल्क जब्त कर लिया जाएगा। अगर जांच करते समय एजेंट का चैलेंज सही निकला तो फर्जी वोटर को पुलिस के हवाले किया जाएगा।
सहायक निर्वाचन अधिकारी श्रवण कुमार त्यागी- ने कहा कि निकाय चुनाव के मतदाता सूची में जिसका नाम शामिल है, उन सभी को मतदान करने का अधिकार मिलेगा। वोटर की उम्र के बारे में अगर चैलेंज किया जाता है तो घोषणा पत्र भरवाकर सुरक्षित रखा जाएगा और मतदान से वंचित नहीं रखा जाएगा।