हापुड़ जिले में बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसकी चपेट में आने वाले मरीज बेसुध हो रहे हैं। मांसपेशियों और सिर में भयंकर दर्द डेंगू जैसे लक्षण दे रहा है, लेकिन रिपोर्ट में चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग के डर से वायरल बुखार बता रहे हैं। गांवों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बीमार है, मरीज घरेलू चिकित्सकों से करा उपचार रहे है।
बरसात के बाद हर साल मौसमी बुखार और डेंगू फैलता है। लेकिन इस बार मौसमी बुखार का असर कुछ ज्यादा ही है। प्राइवेट अस्पताल और लैब को स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि वह अपने स्तर से डेंगू की पुष्टि न करें। ऐसे में डेंगू की पॉजिटिव रिपोर्ट तो सिर्फ अभी तक 15 ही हैं, लेकिन इस तरह के लक्षण वाले मरीज बड़ी संख्या में हैं।
प्राइवेट अस्पतालों के वार्डों में भर्ती मरीजों को इलाज भी डेंगू से बचाव का ही दिया जा रहा है, सिर्फ रिपोर्ट में उन्हें प्लेटलेट्स कम होना दिखाया है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी भी ऐसे मरीजों से फुल चल रही हैं, हालांकि वार्डों में मरीज भर्ती नहीं हैं। बहरहाल, गांवों में बुरी तरह बुखार फैल रहा है।
गांवों में घर-घर में मरीज हैं, उप स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त संसाधन न होने के कारण मरीज घरेलू चिकित्सकों से ही ड्रिप लगवा रहे हैं। हापुड़ ब्लॉक के 20 से अधिक गांवों में बुखार फैला हुआ है। क्योंकि उन्हें पता है कि उप स्वास्थ्य केंद्र पर या तो चिकित्सक आते नहीं हैं आते हैं तो उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं रहते हैं। बुखार से स्वस्थ हुए मरीजों की कमजोरी 20 दिन तक दूर नहीं हो रही। खांसी भी कई सप्ताह तक परेशान कर रही है।
हापुड़ सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की गांवों में कैंप लगवाए जा रहे हैं, उप स्वास्थ्य केंद्रों पर भी दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सीएचसी अस्पतालों में उपचार के साथ भर्ती कराने की भी व्यवस्था है। प्रभावित गांवों में चिकित्सकों द्वारा निगरानी की जा रही है।