हापुड़ में वायरल का असर गुर्दे और फेफड़ों पर भी पड़ रहा है। जिससे मरीज बेहाल हो रहे है। खून की जांच में केएफटी और एलएफटी की रिपोर्ट सबसे ज्यादा गड़बड़ आ रही हैं। लिवर के एंजाइम बढ़ने से मरीजों का बुरा हाल है। खाते ही उल्टियां लग रही हैं। साथ ही बार-बार पेशाब की समस्या भी परेशान कर रही है।
फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि बुखार होने पर मरीज कई दिन तक झोलाछापों की दवाएं खा रहे हैं या फिर मेडिकल स्टोर से भी दवाएं ले रहे हैं। गलत दवाओं के सेवन से बुखार उतर नहीं रहा, बल्कि लिवर और किडनी पर असर पड़ रहा है।
ऐसे मरीजों की केएफटी (किडनी फंक्शन टेस्ट) और एलएफटी (लिवर फंक्शन टेस्ट) कराया जा रहा है। जिसमें लिवर के एंजाइम बढ़े आ रहे हैं। किडनी की रिपोर्ट भी गड़बड़ आ रही है। ऐसे मरीजों में खून का स्तर भी कम ही मिल रहा है। मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है, जिससे उन्हें आराम मिल रहा है। उन्होंने मरीजों की सलाह दी है कि वायरल बुखार का असर गुर्दे और फेफड़ों पर भी पड़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में झोलाछाप या फिर मेडिकल स्टोर से दवाएं ना ले, बल्कि चिकित्सक से परामर्श लेकर ही दवाएं लें।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बहुत से बच्चों में फैटी लिवर की समस्या मिल रही है। कुछ भी खाते ही उल्टियां कर रहे हैं। डायरिया भी परेशान कर रहा है।