हापुड़। रेल यात्रियों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन परोसने के लिए हापुड़ रेलवे स्टेशन के निकट तैयार हो रही बेस किचन का निर्माण अग्निशमन विभाग से एनओसी न मिलने के कारण अटक गया है। भौतिक सर्वे कराए बिना बेस किचन का निर्माण संकरे स्थान पर किया जा रहा था। जिस स्थान पर बेस किचन तैयार की जा रही थी, वहां तक अग्निशमन विभाग की गाड़ी नहीं पहुंच पाई। जिसके कारण बेस किचन मानकों पर खरा नहीं उतर सकी। अब दोबारा से नई जगह की तलाश की जा रही है।
हापुड़ रेलवे स्टेशन से रोजाना सौ से अधिक सुपरफास्ट, एक्सप्रेस, साप्ताहिक, स्पेशल और पैसेंजर ट्रेनें गुजरती है। इनमें से करीब 30 जोड़ी ट्रेनों को रेलवे स्टेशन पर ठहराव होता है। यात्रियों को बेस किचन की सुविधा मिल सके। इसको लेकर लंबी दूरी की ट्रेनों में आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को स्वादिष्ट और गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए रेलवे स्टेशन के निकट आईआरसीटीसी एक प्राइवेट कंपनी द्वारा करीब 1500 वर्ग मीटर क्षेत्र में बेस किचन तैयार किया जा रहा था।
करीब दस लाख रुपये की लागत से किचन का निर्माण होना था। ट्रेनों में खाने की आपूर्ति करने के लिए बेस किचन का कार्य शुरू भी हो चुका था। लेकिन सर्वे के दौरान बेस किचन तक अग्निशमन विभाग की गाड़ी नहीं पहुंची, जिसके चलते यह मानकों पर खरा नहीं उतर सकी। ऐसे में निजी कंपनी का लाखों रुपये का नुकसान हुआ और अब दूसरे स्थान पर बेस किचन के निर्माण के लिए जगह की तलाश की जा रही है।
रेलवे स्टेशन के दो किलोमीटर परिक्षेत्र में भवन की तलाश:
ट्रेनों में खानपान के सामान की आपूर्ति करने के लिए रेलवे स्टेशन के दो किलोमीटर के परिक्षेत्र में बेस किचन बनाने के लिए 1500 वर्ग मीटर क्षेत्र के भवन की तलाश की जा रही है। जहां स्टॉफ रूम, स्टोर, कोल्ड रूम व ऑफिस बनाया जाएगा। बेस किचन में खाद्य पदार्थों की साफ सफाई, खाना बनाने, पैकिंग की सुविधा रहेगी। किचन में वेज व नॉनवेज दोनों तरह का खाना अलग अलग कमरों में तैयार किया जाएगा। यात्रियों को गुणवत्तायुक्त भोजन मिलेगा।
किचन में एआई तकनीक कैमरों के जरिए बेस किचन की गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। जिसमे भोजन पकाने से लेकर साफ सफाई और पैकिंग की निगरानी की जाएगी। खामी मिलने पर कैमरा कर्मचारियों को अलर्ट कर देगा।
राजस्थान होटल्स कंपनी प्रबंधक अनीस- ने बताया की पूर्व में जिस स्थान पर बेस किचन तैयार की जा रही थी, वहां तक अग्निशमन विभाग की गाड़ियां पहुंचने का रास्ता नहीं था। जिस कारण सर्वे में बेस किचन मानकों पर खरा नहीं उतर सकी। अब दूसरे स्थान पर भवन की तलाश की जा रही है, सर्वे करने के बाद ही आगे का कार्य किया जाएगा।