हापुड़ केडिवीजन कार्यालय पहले ही बदनाम है, अब मीटर विभाग सुर्खियों में आ गया है। गांवों में मीटर की रीडिंग कम करने का झांसा देखकर उपभोक्ताओं से अवैध वसूली हो रही है। मीटर में छेड़छाड़ कर चंद रुपयों में हजारों का बिल निपटाया जा रहा है। मीटर रीडरों का वीडियो वायरल होने के बाद से निगम में अफरा तफरी है। संबंधित पटल के अधिकारियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है।
ऊर्जा निगम में उपभोक्ताओं के कार्य से जुड़े पटल अलग-अलग हैं। राजस्व से जुड़े पटल भी जांच के घेरे में हैं। जिले में शत प्रतिशत घरेलू, कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को सप्लाई मीटर के जरिए ही दी जा रही है। गलत रीडिंग के बिल बनने की, शिकायतों के निगम कार्यालय में अंबार लगे हैं। इनका फायदा उठाकर ही मीटर रीडरों के जरिए उगाही का खेल चल रहा है।
दरअसल, गांवों में उपभोक्ताओं को झांसे में लेकर 151 रुपये प्रति महीना के हिसाब से बिल बनाने का दावा किया जा रहा है। इस पूरे वार्तालाप का एक वीडियो जारी हुआ है। जिसमें मीटर रीडर एक कंपनी का नाम लेकर उसके सॉफ्टवेयर से मीटर में स्टोर रीडिंग को पीछे कराने का दावा कर रहे हैं। ग्रामीणों को हर महीने आने वाले हजारों के बिल को कैसे 151 रुपये में बदलें यह भी खुलकर बता रहे हैं। हालांकि इसके एवज में हर महीने उपभोक्ताओं से एक शुल्क भी तय कर रहे हैं।
डेढ़ साल पहले भी शहर में लगे सैकड़ों मीटरों में रीडिंग स्टोर मिली थी। हिंदू युवा वाहिनी ने इस समस्या को उठाया तो एक ही साथ स्टोर यूनिटों को बिल में जोड़ दिया गया। जिस कारण उपभोक्ताओं के बिल हजारों में बने, इससे काफी हंगामा भी हुआ। मीटर की रीडिंग में छेड़छाड़ का एक मामला काफी चर्चित रहा था। जिसमें कड़ा निर्णय लेते हुए एसई, एक्सईएन, एसडीओ और अवर अभियंता को स्थानांतरित कर दिया गया था।
एई मीटर उदित जयसवाल- ने बताया की मीटर की रीडिंग कम करना गंभीर मामला है। इस प्रकरण की जांच कर, आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। मीटर से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी।