हापुड़। धौलाना विकास खंड के गांवों में टीकाकरण व्यवस्था इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रही है। वैक्सीन की आपूर्ति बाधित होने से पिछले टीकाकरण सत्र में बच्चों को आवश्यक टीके नहीं लग पाए। इससे बच्चों का सुरक्षा चक्र टूटता नजर आ रहा है और गंभीर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।
मानदेय न मिलने से रुकी सप्लाई
सूत्रों के अनुसार, वैक्सीन आपूर्ति करने वाले एवीडी (Authorized Vaccine Delivery) कर्मियों को मानदेय नहीं मिलने के चलते वैक्सीन की डिलीवरी रुक गई है। इसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों पर पड़ा है, जहां बीते मंगलवार को भी पूरे ब्लॉक में टीकाकरण नहीं हो सका।
कोल्ड चैन बनी परंतु वैक्सीन गायब
राज्य सरकार ने प्रतिरक्षण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए कोल्ड चैन सिस्टम और स्टाफ पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन वैक्सीन की अनुपलब्धता ने पूरी प्रणाली को पंगु बना दिया है। उप स्वास्थ्य केंद्रों, पंचायत भवनों और प्राथमिक चिकित्सा स्थलों पर न टीके पहुंचे, न टीकाकरण हो सका।
पोलियो, खसरा जैसे रोगों का बढ़ा खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, जन्म से लेकर नौ माह की उम्र तक बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटा, डीपीटी, एमआर जैसे टीके समय पर देना आवश्यक है। पूर्व में भी हापुड़ की मोती कॉलोनी में खसरे का प्रकोप उन्हीं बच्चों में फैला था जिन्हें समय पर टीके नहीं लगे थे।
जनता हुई जागरूक, पर व्यवस्था नाकाम
अब ग्रामीण क्षेत्र के लोग टीकाकरण को लेकर पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं। तय तिथियों पर लोग बच्चों को लेकर केंद्रों तक पहुंचते हैं, लेकिन वैक्सीन न होने से उन्हें मायूस लौटना पड़ रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस संबंध में सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी ने कहा,
“मानदेय संबंधी समस्या के कारण वैक्सीन की आपूर्ति प्रभावित हुई है। समस्या का जल्द समाधान कराया जा रहा है। प्रयास है कि इस सत्र से टीकाकरण दोबारा शुरू हो जाए।”