हापुड़ में वायरल के साथ अब टाइफाइड के मरीज बढ़ रहे हैं। हर रोज सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में पांच से आठ मरीजों में पुष्टि हो रही है। दो सप्ताह तक बुखार नहीं उतरने पर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। बिना परामर्श मेडिकल स्टोरों से दवा लेकर खाने वाले मरीजों को आराम भी नहीं लग रहा है।
टाइफाइड एक तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जिसकी वजह से आपको तेज बुखार समेत कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सही समय पर इलाज लेने से यह बीमारी आसानी से ठीक हो सकती है।
फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि टाइफाइड का बुखार सामान्य दवाओं से ठीक नहीं होता। बल्कि इसके लिए दवाओं के आवश्यक कोर्स की आवश्यकता पड़ती है। ओपीडी में कई मरीज इस तरह के आए जिन्हें दो सप्ताह से बुखार था। जांच कराने पर उनमें टाइफाइड के लक्षण मिले हैं। मरीजों का आवश्यक उपचार शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पहले लगातार 10 दिन से अधिक बुखार आने पर यह समस्या होती थी, लेकिन अब इसकी मियाद पांच तक पहुंच गई है। मरीजों को तत्काल नियमित दवा खाने और परहेज करने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि टाईफाइड में प्लेटलेट्स में तेजी से कमी आती है जो जानलेवा साबित होती है।
टाइफायड एक तरह का खतरनाक बुखार है, इसका इलाज बहुत ही जल्द कराना चाहिए और सही तरीके से, जिससे की पीड़ित जल्द से जल्द स्वस्थ हो सके। टाइफाइड के इलाज में जरा भी लापरवाही करने से हमारे लिए खतरनाक हो सकती है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि बच्चों में डायरिया और पेट संक्रमण के साथ वायरल का असर अधिक है। बदलते मौसम में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, जिनमें कुछ को भर्ती करने की भी आवश्यकता पड़ रही है।