हापुड़ में दोपहिया वाहन की बिक्री के साथ ही शोरूम संचालकों को आईएसआई मार्का वाला हेलमेट भी बेचना होता है। जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सके। इसके बाद भी कई शोरूम संचालक बिना हेलमेट के ही वाहनों की बिक्री कर रहे हैं। इन वाहनों की पंजीयन प्रक्रिया एआरटीओ कार्यालय में भी पूरी हो रही है। जो बताता है कि धरातल पर इस नियम का पालन नहीं हो रहा है।
शासन सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। इसके तहत बाइक पर पीछे बैठे यात्रियों के लिए भी हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया है। शासन के नए आदेश हैं कि यदि दोपहिया वाहन चालक व सहयात्री हेलमेट नहीं लगाते हैं तो फिर पेट्रोल न दिया जाए। 26 जनवरी से इस नियम को लागू कर दिया जाएगा। इससे पहले तक सिर्फ जागरूकता अभियान चल रहा है, लेकिन धरातल पर ही हेलमेट को लेकर कुछ गड़बड़ी चल रही हैं। बीआईएस मानकों के अनुसार दोपहिया वाहन के साथ खरीदार को हेलमेट भी देना है। वाहन के साथ ही इसका बिल भी लिंया जाएगा, लेकिन खरीदार को अलग से हेलमेट के दाम बताने होंगे।
एक हेलमेट की कीमत 700 रुपये तक रखी गई है। कोई ग्राहक नाराज न हो, इसलिए बिना हेलमेट के भी दोपहिया वाहनों की बिक्री की जा रही है। वाहन के पंजीकरण के समय भी फाइल में हेलमेट बिक्री की रसीद लगानी जरूरी है, लेकिन अधिकारी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। एआरटीओ कार्यालय में हर दिन करीब 15 नए दोपहिया वाहनों का पंजीकरण होता है। वर्तमान में कार्यालय में करीब सवा लाख दोपहिया वाहन पंजीकृत हैं।
दिल्ली रोड पर एक मोटरवाहन कंपनी का शोरुम है। जहां शोरूम से स्कूटी बेचने के दौरान हेलमेट नहीं बेचा गया। जबकि, संबंधित युवक केशव कुमार त्यागी को स्कूटी बेची गई। बाइक या स्कूटर चलाते समय हेलमेट पहनना सिर्फ एक नियम नहीं है, बल्कि यह लोगों की सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है। टू-व्हीलर चलाते समय अगर कोई हादसे का शिकार हो जाता है तो हेलमेट लगे रहने पर सिर गंभीर चोटों से बच जाता है। हेलमेट सिर को सुरक्षित रखकर किसी की जिंदगी बचा सकता है।
एआरटीओ प्रशासन छवि सिंह चौहान- ने बताया की इस प्रकार की शिकायत अभी नहीं मिली है। जल्द ही शोरुमों का औचक निरीक्षण कर स्थिति को देखेंगे। कोई गड़बड़ी करेगा तो जरूर कार्यवाही होगा। शोरूम संचालक वाहन की फाइल के साथ ही हेलमेट बेचने की रसीद भी लगाते हैं। इसके आधार पर ही फाइल को स्वीकृति दी जाती है।