हापुड़ के गोहरा आलमगीरपुर और बहादुरगढ़ में 60 से अधिक गांवों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए करोड़ों की लागत से बनी 30-30 बेड की सीएचसी चालू नहीं हो सकी हैं। अस्पतालों में चिकित्सक व स्टाफ की भर्ती को लेकर पदों के सृजन के बावजूद चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हुई हैं।
बहादुरगढ़ और गोहरा में बनी हैं 30-30 बेड की सीएचसी शासन ने 30 हजार की आबादी पर एक सीएचसी का मानक तय किया है। इसी क्रम में हापुड़ के गोहरा आलमगीरपुर और गढ़मुक्तेश्वर के बहादुरगढ़ में 30-30 बेड की सीएचसी तैयार कराई गई थी। कोरोना काल में ही दोनों सीएचसी के भवन बनकर तैयार हो गए थे। लेकिन चिकित्सकों की नियुक्ति न होने के कारण दोनों ही अस्पताल सफेद हाथी बने खड़े हैं।
बता दें कि सीएचसी में आवश्यक जांच के साथ आधुनिक मशीनें भी लगाई जा रही हैं। यदि समय से ये दोनों अस्पताल चालू होते तो आसपास के 60 से अधिक गांवों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलती। लेकिन 60 गांवों से जुड़ी दो सीएचसी चालू नहीं हुईं हैं। इसी कारण ग्रामीणों को मीलों दूर अस्पतालों में जाकर उपचार कराना पड़ता है।
सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- ने बताया की दोनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जल्द ही चिकित्सकों की नियुक्ति होगी। शासन से स्टाफ के पदों का सृजन हो चुका है। ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।