हापुड़ में गढ़ रोड स्थित सीएचसी में बच्चों को भर्ती करने के लिए नर्सरी बनाई गई है। इस अस्पताल में सबसे अधिक ओपीडी है। निजी अस्पताल में समय से पहले जन्मे जुड़वा नवजात को हापुड़ सीएचसी की नर्सरी में रातभर रखने के बाद मशीन न होने की बात कहकर मेरठ मेडिकल रेफर कर दिया गया। वहां भी नर्सरी में बेड खाली नहीं मिलने पर उन्हें वापस हापुड़ भेज दिया। शुक्रवार को परिजन बच्चों को लेकर सीएचसी के बाहर खड़े रहे, लेकिन उन्हें भर्ती नहीं किया गया।
सुल्तानपुर निवासी सलमान की पत्नी अजरा को सातवें महीने में ही प्रसव पीड़ा हो गई, रेलवे रोड स्थित एक निजी अस्पताल में अजरा ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। चिकित्सक ने बच्चों की जान को खतरा बताते हुए नर्सरी में भर्ती कराने की सलाह दी। परिजन बच्चों को निजी अस्पताल की नर्सरी में लेकर गए, लेकिन वहां प्रतिदिन का 20 हजार रुपये खर्चा बता दिया गया। सलमान मजदूरी करता है। जिसके बाद वह हापुड़ सीएचसी पहुंचे।
परिजनों ने बताया कि रात में बच्चों को नर्सरी में भर्ती कर लिया गया, लेकिन मशीन न होने की बात कहकर स्टाफ ने दोनों बच्चों को मेरठ मेडिकल रेफर कर दिया। परिजन मेडिकल पहुंचे, लेकिन वहां स्टाफ ने बेड न होने की बात कह उन्हें वापस भेज दिया। शुक्रवार को फिर से परिजन हापुड़ सीएचसी पहुंचे, नवजातों को वह बाहर लेकर खड़े रहे। लेकिन इलाज नहीं मिल सका।
परिजनों ने बताया कि बच्चों को ऑक्सीजन की जरूरत है। जिसके बिना बच्चे अटक-अटक कर सांस ले रहे थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करें। उन्हें भर्ती नहीं किया गया। काफी देर इंतजार करने के बाद परिजन बच्चों को लेकर चले गए।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की नर्सरी में बच्चों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है, गंभीर बच्चों के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है। ऑक्सीजन व अन्य सुविधाएं हैं। बच्चों को रेफर क्यों किया इसकी जांच कराएंगे।