सहूलियत कैसे आफत बन जाती है, आईए देखते है। जब शहर में ई-रिक्शा सुविधा शुरू की गई थी। सोचा गया था इससे प्रदूषण कम होगा, लोगों को सुविधा मिलेगी, पर आज यही ई-रिक्शा शहर के लिए मुसीबत बन गए हैं। सड़को पर फैले टैम्पो के जाल से लोग पहले ही आजिज आ चुके थे, रही-सही कसर ई-रिक्शा ने पूरी कर दी। ई-रिक्शा के चलते सड़कों पर हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है। ई-रिक्शा के कारण जाम के हालात सुधर नहीं रहे है। ई-रिक्शावालों की मनमानी जारी है। पुलिस भी इनके आगे बेबस नजर आ रही है। शहर के हर मुख्य मार्ग और प्रमुख चौराहों पर ई-रिक्शा खड़े रहते हैं।
हापुड़ शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा का संचालन जाम का मुख्य कारण बन रहा है। बिना पंजीकृत ई-रिक्शा का संचालन होने से जाम की समस्या बनी हुई है। इतना ही नहीं, चौराहे हों या सड़कें, बेतरतीब तरीके से इन्हें खड़ा किया जाता है। जिसके कारण दूसरे वाहन नहीं निकल पाते हैं। यह हाल तब है। जब पुलिसकर्मी चौराहों पर खड़े रहते हैं, लेकिन कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाता है।
ई-रिक्शा के संचालन के लिए रूट चार्ट तय न होने के कारण शहर का जाम कम नहीं हो रहा है। नगर के तहसील चौराहा, मेरठ रोड तिराहा, अतरपुरा चौपला और पक्का बाग चौपला से सुबह व शाम को निकलने में 20 से 30 मिनट तक लग जाते हैं। इसकी बड़ी वजह यह ई- रिक्शा ही हैं। मुख्य मार्ग या चौपले पर यह कहीं भी खड़े हो जाते हैं। इस कारण दूसरे वाहन गुजर नहीं पाते हैं।
एएसपी विनीत भटनागर- ने बताया की जल्द ही यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों की बैठक कर रूट चार्ट तैयार कराया जाएगा। उसी के अनुसार इनका संचालन होगा। मुख्य चौराहों पर इनके संचालन के लिए जगह निर्धारित है।