हापुड़। नगर पालिका की बुधवार (आज) को होने वाली बोर्ड बैठक से पहले शहर के व्यापारी संगठन विरोध के मूड में नजर आ रहे हैं। व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि पालिका द्वारा गलत तरीके से कर वृद्धि लागू की जा रही है, जिसके विरोध में वे बोर्ड बैठक के दौरान सभागार के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे।
व्यापारियों का कहना है कि यह आंदोलन आर-पार की लड़ाई में तब्दील हो सकता है, यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया।
डीएम को सौंपा गया ज्ञापन, व्यापारी संगठन एकजुट
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र पंसारी और दीपांशु गर्ग ने मंगलवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। वहीं, संयुक्त हापुड़ उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित अग्रवाल और महामंत्री संजय अग्रवाल ने भी व्यापारियों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई।
व्यापारियों का कहना है कि पहले हुई पालिका बैठक में सिर्फ पांच पैसे प्रति वर्ग फुट टैक्स वृद्धि पर सहमति बनी थी, लेकिन पालिका अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश शासनादेश 28 जून 2024 का हवाला देकर उसमें अन्य कर वृद्धि की धाराएँ भी जोड़ दीं, जिसकी स्पष्ट जानकारी बोर्ड को नहीं दी गई।
2013 से चल रही टैक्स विसंगति, अब बढ़ा विरोध
व्यापारियों के अनुसार, गैर-आवासीय भवनों पर नियमानुसार एक से तीन गुना टैक्स लिया जाना चाहिए था, लेकिन 2013 से चार गुना वसूला जा रहा है। इसे बढ़ाने के लिए पांच फरवरी 2019 की बोर्ड बैठक का हवाला देकर नगर निगम के आदेश को जबरन लागू किया गया, जबकि हापुड़ नगर पालिका है, नगर निगम नहीं।
व्यापारियों ने सवाल उठाया कि जब 2024 के नए शासनादेश में कुछ टैक्स कम किए जाने थे, तो उन्हें लागू क्यों नहीं किया गया?
विधायक और सभासदों से की कर वृद्धि प्रस्ताव का विरोध करने की अपील
व्यापारियों ने हापुड़ सदर विधायक, नगर पालिकाध्यक्ष और सभी सभासदों से अपील की है कि वे बोर्ड बैठक में कर वृद्धि प्रस्ताव का विरोध करें और 2024 के शासनादेश का पूर्ण पालन सुनिश्चित कराएं। व्यापारी संगठनों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।