हापुड़ नगर पालिका सभागार में मंगलवार को हुई बैठक में जमकर हंगामा हुआ। टैक्स बढ़ाने को लेकर व्यापारियों और सभासदों ने विरोध किया। व्यापारियों और सभासदों ने आरोप लगाया कि वर्ष 2013 में गलत तरीके से स्वकर प्रणाली भवन स्वामियों पर थोपी गई। इसलिए पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। आपत्तियों के निस्तारण पर कोई निर्णय न होने के कारण अधिकारियों ने मार्च में होने वाली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को रखने का निर्णय लिया। उसके बाद ही टैक्स बढ़ाने को लेकर अंतिम निर्णय आएगा।
मंगलवार को पालिका अधिकारियों ने टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव पर आपत्तियों पर सुनवाई के लिए दूसरी बार बैठक बुलाई। संयुक्त हापुड़ उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित अग्रवाल व युवा अध्यक्ष राजीव गर्ग ने कहा कि व्यापार मंडल द्वारा लिखित में आपत्तियां दर्ज कराई गईं, लेकिन इन्हें आपत्ति रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया। टैक्स वृद्धि करने का प्रस्ताव पहले बोर्ड बैठक में रखा जाए।
अधिशासी अधिकारी को सभी अधिकार देना सही नहीं है। पैतृक व पुरानी संपत्तियों पर सर्किल रेट के हिसाब से टैक्स लगाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। व्यापारियों ने कहा कि सर्वसम्मति से पॉलिसी बनाकर आगामी बैठक में प्रस्ताव रखा जाए।
सभासद विकास दयाल और अमित शर्मा मोनू बजरंग ने कहा कि नगर पालिका ने जब वर्ष 2013 में ही स्वकर प्रणाली लागू कर दी तो अब फिर से कर प्रणाली लागू करने की जरूरत नहीं है। गलत नियम से लागू की गई स्वकर प्रणाली का बोझ लोगों पर पड़ा है।
यह शहरवासियों के साथ अन्याय था। यहां तक कि व्यावसायिक भवर्ती पर भी नियमावली के अनुरूप टैक्स न लगाकर आवासीय का चार गुना लगा दिया गया। जबकि, हाल ही में शासन ने व्यावसायिक भवनों पर आवासीय का एक प्रतिशत अधिक टैक्स लेने का आदेश दिया है। बोर्ड बैठक में भी नए आदेश और प्रस्ताव को लागू नहीं होने दिया जाएगा। व्यापारियों ने पालिकाध्यक्ष को भी बैठक में बुलाने की मांग की।
ईओ व डिप्टी कलक्टर मनोज कुमार- ने बताया की आपत्तियों के निस्तारण के लिए बैठक होंगी। टैक्स वृद्धि के प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में रखेंगे। इसके लिए मार्च में ही बैठक बुलाई जाएगी। बैठक के निर्णय से शासन को भी अवगत कराया जाएगा। उसके बाद ही टैक्स बढ़ाने को लेकर अंतिम निर्णय आएगा। वर्ष 2013 में क्या हुआ, वह तकनीकी मुद्दा है। इस पर कुछ भी नहीं बोल सकते हैं।