साइबेरियन पक्षियों के चलते गंगा तटों का नजारा बदल गया है। सात समंदर पार कर आने वाले ‘आकाशीय मेहमानों’ ने डेरा डाल दिया है। सर्दी बढ़ने के साथ ही हजारों मील लंबी उड़ान भरकर क्षेत्र में पहुंचने वाले साइबेरियन पक्षी देश-प्रदेश के विभिन्न प्रांतों के जलाशयों में पड़ाव डालने लगे हैं। ब्रजघाट और खादर क्षेत्र में भी पक्षियों की आमद शुरु हो गई है। ये सफेद पक्षी हर साल दिसंबर से मार्च के बीच नजर आते हैं।
ये ऐसे पक्षी हैं जो हवा में उड़ते हैं और पानी में भी तैरते हैं। सफेद रंग के इन पक्षियों की चोंच और पैर नारंगी रंग के होते हैं। साइबेरिया बहुत ही ठंडी जगह है जहां नवंबर से लेकर मार्च तक तापमान जीरो से बहुत 50, 60 डिग्री नीचे चला जाता है। इस तापमान में इन पक्षियों का जिंदा रह पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसीलिए ये पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी करके भारत आते हैं।