जनपद हापुड़ में पिछले कुछ दिन से लगातार हो रही बारिश और कांवड़ यात्रा से सब्जियों की आवक पर असर पड़ा है। सबसे बुरा हाल टमाटर का है, बृहस्पतिवार को गढ़ की मंडी में मात्र एक कैरेट यानि 25 किलो ही टमाटर पहुंचा और यह कैरेट पांच हजार रुपये में बिकी। जबकि हापुड़ जैसी बड़ी मंडी में भी मात्र 70 कैरेट टमाटर पहुंचा और यहां थोक का भाव 200 रुपये प्रति किलो रहा।
टमाटर की कीमतों में रॉकेट की रफ्तार से दाम बढ़े हैं। भारी बरसात की वजह से सप्लाई रुकी हुई हैं। हापुड़ की नवीन सब्जी मंडी में आम दिनों में टमाटर की कोई कमी नहीं होती थी। दर्जनों ट्रक टमाटर यहां रोज पहुंचता था। यही हाल गढ़ और पिलखुवा की मंडी का रहा।
सब्जी विक्रेताओं के अनुसार हापुड़ और आसपास की मंडियों में अधिकतर टमाटर हिमाचल से आता था। वहां सड़कें ध्वस्त होने से अब हालात खबर हो गए हैं। अब केवल बंगलुरू से जैसे तैसे टमाटर आ रहा है।
टमाटर के भावों में आ सकती है तेजी टमाटर की मंडियों में आवक न के बराबर है। ऐसी स्थिति में इसके दामों और तेजी आने की पूरी संभावना बनी हुई है। हालांकि केंद्र सरकार टमाटर स्टॉल लगाने की बात कर रही है, लेकिन हापुड़ में अभी तक इस प्रकार का कोई स्टॉल नहीं लगाया गया है। जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सके।
बारिश के चलते मंडी में सब्जियों की आवक में 40 प्रतिशत से अधिक तक की कमी आई है। टमाटर की भी यही स्थिति है। हालांकि मंडी में अपेक्षाकृत ग्राहक भी कम आए हैं। फिर भी थोक भाव में इजाफा हुआ है।