हापुड़ में सनातन धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है. बसंत पंचमी इस बार 14 फरवरी दिन बुधवार यानी आज है, इस बार शादियों को लेकर क्रेज दिख रहा है. क्योंकि बसंत पंचमी के दिन शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है, इस दिन आप बिना पंचांग देखे शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण कर सकते हैं. बसंत पंचमी के दिन जिन लोगों का विवाह मुहूर्त नहीं निकल पाता है, वे लोग इस दिन विवाह के बंधन में बंध सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विद्या की देवी मां सरस्वती और धन लक्ष्मी के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है। लेकिन वसंत पंचमी पर दोनों के बीच यह विरोधाभास खत्म हो रहा है। वसंत पंचमी के साथ ही अबूझ मुहूर्त माना जाता है। बुधवार को मां सरस्वती और लक्ष्मी का दिन भी माना जाता है, ऐसे में बुधवार का दिन वसंत पंचमी होने से ओर शुभ होगा। बुधवार को वसंत पंचमी पर्व पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके साथ ही अबूझ मुहूर्त में जोड़े वैवाहिक बंधनसूत्र में बंधगे। ऐसे में जिले में 400 से अधिक विवाह संस्कार होने जा रहे हैं।
शादियों के कारण जिले के सभी मैरिज हॉल और बैंक्वट हॉल फुल हैं। शादी समारोह को आकर्षक बनाने के लिए बैंड, बग्गी, डीजे की बुकिंग भी पहले की हो चुकी है। शादी मंडपों और घरों को सजाने के लिए फूलों की भी मांग बढ़ी है, जिससे इनके दामों में भी इजाफा हुआ है। विवाह आयोजन में दूल्हा-दुल्हन पर सबसे अधिक बजट खर्च होता है। ऐसे में बाजार में आभूषण, लहंगा, फर्नीचर, खाद्यान्न, सजावटी सामना की खरीदारी के लिए मंगलवार को भी बाजारों में भीड़ उमड़ी रही।
ज्योतिषाचार्य संतोष तिवारी ने बताया कि वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की आराधना की जाती है। ब्रह्मांड में सात रंगों की आभा में पीला रंग सर्वप्रथम आया, इसलिए मां को पीला रंग अतिप्रिय है। वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की प्रतिमा का गंगाजल से स्नान कराकर पीले रंग के वस्त्र धारण कराए और गेंदे के फूल से सजा दें। पीला चंदन और अक्षत तिलक करें। मां सरस्वती की वंदना करें और विद्यार्थियों से माता की पूजा कराए। मान्यता है कि इस दिन पूजन करने से माता विद्यार्थियों को आशीर्वाद देती है।