जनपद हापुड़ में करीब साढ़े चार माह से सोए देव 23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी पर जाग जाएंगे। इसके साथ ही शहनाई गूंजने लगेंगी और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। नवंबर और दिसंबर में इस बार शादियों के कुल दस शुभ मुहूर्त हैं। बृहस्पतिवार को देवोत्थान एकादशी पर अबूझ मुहूर्त होने के कारण 350 से अधिक जोड़े शादी के बंध में बंधेंगे।
देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं और देव उठनी एकादशी को जागते हैं। देवोत्थान एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में नींद से जागृत होते हैं। इस दिन से मांगलिक कार्य का भी शुभारंभ होता है।
ज्योतिषाचार्य संतोष तिवारी ने बताया कि इस बार देवोत्थान एकादशी 23 नवंबर को है। चार माह से सोए देव 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर जाग जाएंगे। इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। आज से शहनाई की गूंज शुरू हो जाएगी। बैंड-बाजा-बरात की धूम रहेगी। नवंबर में 23, 24, 27, 28 व 29 को शादी के शुभ मुहूर्त हैं। जबकि दिसंबर में 3, 4, 7, 8 व 9 दिसंबर को शादी के पांच मुहूर्त हैं। विवाह के लिए होटल और शादी घर के साथ ही बैंड, डीजे आदि की बुकिंग कर ली गई है।