हापुड़ में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को बढ़ावा देने और भूमि संकट को खत्म करने के लिए शासन ने नई पहल की है, जिसके निर्देश हापुड़ में लागू हुए हैं। पीपीपी मॉडल पर कृषि भूमि का भू उपयोग औद्योगिक कराने में इकाइयों और प्लेज पार्क को परिवर्तन शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। ऐसे में प्राप्त आवेदनों के बाद जिले में तीन प्लेज पार्क प्रस्तावित हुए हैं, इनमें से एक पार्क सबली में विकसित हो चुका है। योजना के सही ढंग से क्रियान्वयन और क्षेत्र के विकास के लिए जिला प्रशासन ने तेजी से कार्य शुरू कर दिया है।
हापुड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का गढ़ बनता जा रहा है। जिलेभर में दो हजार से ज्यादा इकाइयां पंजीकृत हैं इकाइयों को और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कुछ समय पहले प्लेज योजना लाई थी। प्लेज स्कीम (प्रमोटिंग लीडरशिप एंड इंटरप्राइज फॉर डेवलपमेंट ऑफ ग्रोथ इंजन) के तहत शहर में 10 से 50 एकड़ की निजी जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का फैसला किया गया है।
इस योजना में अभी तक जिले में सबली में प्लेज पार्क को 50 एकड़ में विकसित किया गया है, जिसमें एमएसएमई की 56 इकाइयां होंगी। वहीं, गढ़मुक्तेश्वर और धौलाना में प्लेज पार्क के लिए आवेदन मिल रहे हैं। पार्क के लिए भूमि देने वाले व्यक्ति प्रति एकड़ पर शासन की ओर से बाउंड्री, पार्क, सड़क और निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का लोन छह साल के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा।
जिले में हापुड़, धौलाना और गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में प्लेज पार्क बनाया जाएगा। हापुड़ के सबली में औद्योगिक पार्क स्थापित भी हो चुका है। इससे जिले के हजारों बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अन्य दो पार्क स्थापित होने पर 100 से अधिक एमएसएमई औद्योगिक इकाइयां लगने से हजारों जिलेवासियों को रोजगार मिलेगा।