जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली में मंगलवार को एक बच्चे के लिए हाई वोल्टेज ड्रामा करीब तीन घंटे तक चला। दस माह के बच्चे को लेने के लिए तीन मां अपना हक जताती रहीं। काफी जद्दोजहद के बाद कोतवाली प्रभारी ने जन्म देने वाली मां को ही दुधमुंहे बच्चे को सौंपने का फैसला सुनाया गया।
कोतवाली क्षेत्र के गांव निवासी महिला ने बताया कि उसने 10 माह पहले एक बेटे को जन्म दिया था। लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण बेटे को देखभाल के लिए दिल्ली निवासी भाई को सौंप दिया था। तभी से उसका भाई बेटे की देखरेख कर रहा था। लेकिन पिछले दिनों उसे जानकारी हुई कि उसके भाई ने बेटे को पालन-पोषण के लिए किसी अन्य व्यक्ति को गोद दे दिया है। जिसका पता चलने पर उसने भाई से बेटे की वापस देने की मांग की। लेकिन उसने फिलहाल असमर्थतता जता दी।
शिकायत मिलने पर कोतवाली प्रभारी ने महिला की भाभी व तीसरी महिला को भी कोतवाली बुला लिया। जहां बच्चे की ममता के कारण तीनों ही उस पर अपना हक जताने लगीं। मामले को देखकर पुलिसकर्मी भी हैरान हो गए। जिसे लेकर घंटों तक कोतवाली में गहमा-गहमी का माहौल बना रहा। घंटों की बहस और माथापच्ची के बाद बच्चे को उसके जन्म देने वाली मां को देने का फैसला किया गया। कोतवाली प्रभारी ने जन्म देने वाली मां को ही दुधमुंहे बच्चे को सौंपने का हक दे दिया।
कोतवाली प्रभारी मुनीष प्रताप सिंह का कहना है कि फिलहाल बच्चा दिल्ली में है। बच्चे का किसी दूसरे पक्ष के पास प्रकार का प्रमाणिक गोदनामा भी नहीं दिखा गया। जिसके बाद जन्म देने वाली मां को ही बच्चे को देने का निर्णय लिया गया है।