हापुड़ में हरसिंहपुर गांव में सोमवार को सीएमओ के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। रेंडम जांच में तीन को डेंगू मिला है। इनके नमूने एलाइजा टेस्ट के लिए भेजे गए हैं। बुखार से जूझ रहा हर दसवां मरीज टाइफाइड से पीड़ित मिला।
पिछले दो सप्ताह से गांव में बुखार का प्रकोप है, नवजात समेत दो बच्चों की मौत भी हो चुकी है। सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी सोमवार को दोनों मृतक बच्चों के घर पहुंचे। इसमें नवजात बच्चे के मामले में पाया कि जन्म से ही बच्चे को मां का दूध नहीं पिलाया गया। जबकि दूसरे बच्चे को परिजनों ने डेंगू होना बताया। जिसकी रिपोर्ट तलब की जा रही है।
गांव में शिविर लगाकर दवा बांटी गई। रक्त का नमूना भी लिया गया। रेपिड किट की जांच में तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई, हालांकि एलाइजा टेस्ट के लिए नमूने जिला अस्पताल भेजे गए हैं। सबसे अधिक मरीज वायरल और टाइफाइड के रहे। गांव के एक हिस्से में गंदगी भी मिली, प्रधान के सहयोग से एंटी लार्वा का स्प्रे कराया गया। साथ ही सफाई भी कराई गई। घर पर उपचार पा रहे मरीजों के सेहत का भी परीक्षण किया। 100 से अधिक नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम क्षेत्रों में भ्रमण कर लगातार लार्वा को नष्ट करने में जुटी है। विभाग द्वारा जिले में डेंगू रोकथाम अभियान चलाया जा रहा है। टीमें क्षेत्रों में जाकर डेंगू का लार्वा खोज रहीं हैं और उन्हें तत्काल दवाई का छिड़काव कर नष्ट करने का कार्य कर रही हैं। टीमें लोगों को डेंगू के बचाव के उपाय के साथ बुखार से पीड़ित मरीजों को चिह्नित करने का कार्य कर रही हैं।
सीएचसी और जिला अस्पताल में आए 500 मरीज वायरल की चपेट में आए 500 से ज्यादा मरीज सोमवार को जिला अस्पताल और सीएचसी की जनरल ओपीडी में पहुंचे। बुखार के साथ पेट संक्रमण, त्वचा रोग, मुंह और गले में छाले की समस्या लेकर भी मरीज आए। सात को टाइफाइड भी मिला।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की हरसिंहपुर में बुखार का असर अधिक है। मरीजों की जांच के लिए नमूने जुटाए हैं, जिनका परीक्षण कराया जा रहा है। डेंगू फैलाने वाला लार्वा नष्ट कराया गया है, मृतक बच्चे की रिपोर्ट भी ली जा रही है।