हापुड़ जिले में सुबह से शाम तक शहर धुंध में छाया रहा। आंखों में जलन और गले में खरास के मरीज अस्पताल पहुंचे। स्वास्थ्य विभाग ने वृद्ध और बीमारों को घरों में रहने की सलाह दी। उधर बच्चों से स्कूलों में मास्क पहन आने की अपील की जा रही है। हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन ने संबंधित विभागों को पत्र जारी करते हुए ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदी लागू कर दी हैं।
प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार के दिन की शुरूआत भी धुंध के साथ हुई। वातावरण में इस स्थिति के कारण लोगों को घरों में भी सांस लेना मुश्किल हो गया। सुबह से ही लोग आंखों में जलन और सांसों में घुटन महसूस करते रहे। घरों से बाहर निकलने वालों को और अधिक परेशानी हुई।
प्रदूषण और वातावरण में छाए स्मॉग के कारण रविवार को जिले का अधिकतम एक्यूआई 411 दर्ज किया गया। अस्पतालों में आंखों और गले में शिकायत वाले 125 मरीज पहुंचे। लगातार प्रदूषण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए आखिरकार प्रशासन जागा और इसकी रोकथाम के लिए आदेश जारी किया।
एडीएम संदीप कुमार ने सात विभागों लोक निर्माण विभाग, कृषि, तीनों तहसील प्रशासन, यातायात, संभागीय परिवहन विभाग, तीनों नगर पालिकाओं व नगर पंचायत बाबूगढ़ को पत्र लिखकर ग्रैप के तीसरे चरण को लागू करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके तहत आने वाले पाबंदियों को लागू कराने और नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए टीमें गठित करने के लिए कहा गया है। एडीएम ने बताया कि इन नियमों का सभी को सख्ती से पालन कराने के लिए बोला गया है। सोमवार से टीमें अपने अपने क्षेत्र में उतरकर कार्य करेंगी l
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि पराली के जलाये जाने, कोहरे की दस्तक और मौसम में ठंडक से वातावरण में नमी बढ़ी है। इससे भी प्रदूषण की स्थिति बदतर हुई है। इसकी रोकथाम के लिए लोग खुद भी एहतियात रखें। घर के आसपास छिड़काव करें और घर की दरवाजे खिड़कियां बंद रखें। घर के आसपास आग आदि कतई न जलाएं।