हापुड़ में शीतगृह एसोसिएशन द्वारा भंडारण शुल्क में किया इजाफा शुल्क निर्धारण समिति ने मान्य नहीं किया है। शीतगृहों में पिछले साल का भंडारण शुल्क ही लागू रहेगा। वहीं, बाजार में आलू रिकॉर्ड तेजी पर है। शीतगृहों से सिर्फ 15 फीसदी ही निकासी हो सकी है।
जिले में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है, शीतगृह एसोसिएशन ने शुरूआत में ही आलू के शुल्क़ में दस रुपये तक इजाफा किया था। लेकिन शुल्क निर्धारण समिति ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। क्योंकि पिछले साल अंत में आकर आलू के दाम काफी गिरे थे, हालांकि इस साल आलू के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। बाजार में थोक की बात करें तो चिप्सोना आलू 2500 रुपये क्विंटल और हाईब्रिड आलू दो हजार रुपये क्विंटल तक बेचा जा रहा है। वहीं, 50 किलो का चिप्सोना का कट्टा 1250 रुपये और हाईब्रिड 1000 रुपये का बिक रहा है।
किसानों के लिए राहत की बात यह है कि बाजार में अभी स्थानीय आलू की ही बिक्री हो रही है। पिछले महीने भयंकर गर्मी में फसलें झुलसने से भी आलू की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। अब बरसात का मौसम है ऐसे में दाम और बढ़ने की उम्मीद है। शीतगृहों से निकासी धीमी गति से हो रही है, अभी भी करीब 85 फीसदी आलू शीतगृहों में भंडारित है। शुल्क निर्धारण समिति की बैठक में एसोसिएशन द्वारा तय किए दाम रखे गए, साथ ही आस पास के जिलों में लिया जा रहा शुल्क भी रखा गया। डीएम की अध्यक्षता में यह बैठक हुई, इसमें निर्णय लिया गया कि पिछले साल वाला ही भंडारण शुल्क किसानों से लिया जाए।
उद्यान निरीक्षक सतीश कुमार- ने बताया की शीतगृहों में पिछले साल का भंडारण शुल्क ही लागू रहेगा। शुल्क निर्धारण समिति ने सामान्य आलू का भंडारण शुल्क 260 रुपये और शुगर फ्री का 285 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। बाजार में किसानों को आलू का अच्छा दाम मिल रहा है।