करीब 33 करोड़ रुपये की लागत से बने जिला अस्पताल में अभी तक नहीं है कोई जांच की मशीन
जनपद हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं बदहाल हैं। जिले की 13 लाख आबादी मात्र एक अल्ट्रासाउंड मशीन के सहारे है।
करीब 33 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए जिला अस्पताल में भी अभी तक जांच की कोई मशीन नहीं है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने भी जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। लेकिन, किसी भी जांच मशीन की सौगात नहीं मिल सकी।
जिला बने करीब 11 साल बीत चुके हैं। लेकिन, आज भी यहां स्वास्थ्य सेवाएं पुराने ढर्रे पर चली आ रही हैं। जिले की करीब 13 लाख की आबाद की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास मात्र एक ही अल्ट्रासाउंड मशीन है।
वह भी मशीन हापुड़ के गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध है। यहां पर मरीजों का दबाव अधिक रहता है। मरीजों का कई-कई दिनों में अल्ट्रासाउंड कराने का नंबर आ पाता है। ऐसे में जिले के मरीजों को बेहतर स्वस्थ्य सुविधा आज तक नहीं मिल पा रही है।
ऑफिस में बैठे अधिकारियों को इसकी कोई खास चिंता नहीं है। इसका खामियाजा जिले के गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जाकर महंगी जांच करानी पड़ रही है।
मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते प्रतिदिन सैकड़ों गरीब मरीज अस्पताल तो पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें आने के लिए अगली तारीख दे दी जाती है। तारीख इतनी आगे की होती है कि मरीज को मजबूरन निजी लैब की ओर रुख करना पड़ता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी- डॉ. सुशील कुमार त्यागी ने बताया कि जल्द ही जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन की सौगात मिल सकती है। इसके लिए शासन से प्रस्ताव भी किया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अधिक से अधिक अल्ट्रासाउंड हो सके इसके लिए पूरी कोशिश की जाती है। महिलाओं और पुरुषों के अल्ट्रासाउंड करने के लिए उनका समय निर्धारित किया हुआ है।