हापुड़- जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा की जनसुनवाई में सरोज देवी अपनी फरियाद लेकर पहुंची जहां सरोज देवी ने कहा कि मैं दर दर की ठोकरें खाकर आपके पास इंसाफ के लिए आई हूं, मेरे पति जितेंद्र ने दूसरी शादी कर ली है और मेरा पति जितेंद्र दूसरी शादी करने के बाद मुझे छोड़कर कनाडा जा रहा है।
सरोज ने शिकायत पत्र में कहा कि सरोज पत्नी जितेन्द्र नि०-पालम 2 नम्बर गली महावीर इन्क्लेव पालन दिल्ली है। सरोज की शादी 1996 सामाजिक रिति रिवाज से हुई थी। सादी के लगभग 12 साल बाद पति तथा बच्चे कनाडा चले गये थे। 8 वर्ष सरोज कनाड़ा में रही। उसके बाद सरोज का पति 8 वर्ष बाद भारत वापस ले आया। उसके पश्चात उसका व्यवहार बदल गया और सरोज के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी, कई बार पति जितेन्द्र ने सरोज को फांसी देकर मारने का प्रयास किया, उसके बाद जितेंद्र सरोज को छोड़कर कनाड़ा वापस चला गया।
सरोज से जितेंद्र ने बात करनी बन्द कर दी ओर खर्चा देना बन्द कर दिया। सरोज कई वर्ष से अपने पति जितेन्द्र को ढूंडती फिरती रही है, अभी जल्दी में सरोज को पता चला कि जितेन्द्र ने दूसरी शादी कर ली है। जबकि सरोज से किसी प्रकार का कोई तलाक सामजिक या विधिक प्रकार से नही हुआ है। सरोज की दो लड़की तथा एक लड़का है सरोज का पति जितन्द्र बच्चो को अपने साथ रखता है। मजबूरी में खर्चा न मिलने के डर से बच्चे मेरा साथ नही देते हैं, तथा जितेन्द्र के साथ मिलकर प्रार्थिनी को पागल घोषित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सरोज को सूचना मिली की सरोज का पति अपनी लड़की की शादी सरोज को बिना बताये हापुड़ में सरोज की नन्द के घर 26 फरवरी 25 को कर रहा है। तब सरोज दिनांक 12 फरवरी 25 को अपनी ननद के घर पहुंची तो वहां जाकर सरोज ने अपनी सोंतन सुमन तथा अपने पति जितेन्द्र से अपने हक के लिए पूछने लगी तभी जितेन्द्र, सौतन सुमन सरोज का नन्दोई रवि तीनो ने सरोज के साथ मारपीट करना शुरू कर दी और घर के अन्दर खींचकर ले गये।
प्रार्थिनी ने तभी 112 पर फोन किया तो 112 वाले बाइक से आये जिस कारण मौके पर हुई घटना के आरोपी व्यक्ति को साथ न लाने में 112 वालो ने असमर्थ जताई तब सरोज खुद जान बचाकर घटना स्थल से पुलिस चौकी की तरफ भागी तब पुलिस चौकी में आकर सरोज ने अपना प्रार्थना पत्र पुलिस चौकी साइलो प्रथम हापुड़ नगर थाना को दिया। मगर उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, मैं दर दर की ठोकरें खा रही हूं मेरी सुनवाई नहीं हो रही है। मेरे पति को कनाडा जाने से रोका जाए और मुझे न्याय दिलाया जाए।