हापुड़ – बच्चों में लगातार खांसी और बुखार जैसे लक्षण अब केवल सामान्य मौसमी बीमारी नहीं रह गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षय रोग (टीबी) का संकेत हो सकता है। इसे देखते हुए जिले के अस्पतालों में ऐसे बच्चों की निगरानी शुरू कर दी गई है।
जिला क्षय रोग अधिकारी एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश ने बताया कि क्षय रोग बच्चों में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म के समय बीसीजी (BCG) का टीका लगाया गया है या नहीं, इसकी पुष्टि की जा रही है। जिन्हें टीके नहीं लगे हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जा रहा है।
डॉ. राजेश के अनुसार, “अभिभावक अक्सर बच्चों की खांसी को सामान्य सर्दी या रात में एसी/कूलर के चलने से जोड़ते हैं, जबकि यह टीबी का शुरुआती लक्षण हो सकता है। समय पर जांच और इलाज बेहद जरूरी है।”
उन्होंने बताया कि बच्चों में टीबी का इलाज आमतौर पर एंटी ट्यूबरक्यूलर दवाओं के माध्यम से किया जाता है, जिसकी अवधि करीब छह महीने होती है। इलाज की अवधि उम्र और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करती है।
जिले में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत सभी अस्पतालों में सतर्कता बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य है कि समय रहते टीबी की पहचान कर बच्चों को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोका जा सके।