हापुड़। 11 जुलाई से शुरू हो रही सावन की कांवड़ यात्रा को ध्यान में रखते हुए जिले के प्रमुख शिवालयों तक पहुंचने वाले मार्ग अब तक दुरुस्त नहीं हो पाए हैं। गहराई तक कटे गड्ढों और टुटी–फुटी सड़कों के कारण पैदल चलने वाले लाखों श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
परिस्थिति का जायजा
- अधिकांश मार्गों पर जर्जर सड़कों के साथ—सावन साप्ताहिक कांवड़ियों के मुख्य पड़ाव, जैसे शिवपुर, चिल्लूपार और गरदवारा क्षेत्रों को जोड़ने वाले रास्ते—अभी भी मरम्मत अंबल में हैं।
- गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण के कारण कई लिंक रोड पूरी तरह टूट चुके हैं, जिससे जलिक्षण (जल निकासी) भी प्रभावित है और बारिश के समय सड़कों पर जल भराव का खतरा है।
प्रशासनिक कदम
- जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका और संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने सभी कांवड़ मार्गों की त्वरित मरम्मत का निर्देश दिया।
- लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र सिंह ने डीएम को पत्र में बताया कि निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की एजेंसी से टूटी सड़कों की मरम्मत एवं सफाई कराई जाए, ताकि श्रद्धालुओं को मार्ग में परेशानी न हो।
- डीएम पांडेय ने स्पष्ट किया कि यात्रा शुरू होने में अभी कुछ दिन शेष हैं, “तब तक सभी पवित्र मार्गों को दुरुस्त कराया जाएगा, वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।”
श्रद्धालुओं की तैयारी
सावन के महीने में छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड होते हुए हरिद्वार, गोमुख से गंगा जल लेने के लिए निकलने वाले कांवड़िये पैदल—अगस्त से 11 जुलाई तक—लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। खराब रास्तों पर चलना उनकी श्रद्धा एवं स्वास्थ्य दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।