हापुड़ में देश की राजधानी से करीब 45 किलोमीटर दूर बसा हापुड़ जिला अब तेजी से आर्थिक रूप से विकसित हो रहा है। यहां नए उद्योगों की रफ्तार बढ़ रही है। लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। जिले में सबसे अधिक उद्योग धौलाना क्षेत्र में लग रहे हैं। इसके पीछे की वजह बेहतर कनेक्टिविटी और सस्ती जमीन है।
वर्ष 2011 में गाजियाबाद से अलग करके हापुड़ को नया जिला बनाया गया था। उस समय जिले के विकास को लेकर तमाम सवाल थे। यहां नए उद्योग कैसे और किस प्रकार लगेंगे। इसको लेकर समस्या बनी हुई थी, लेकिन बदलते समय ने जिले में उद्योगों की रफ्तार को तेजी से बढ़ाया है। हापुड़ जिला अब तेजी से आर्थिक रूप से विकसित हो रहा है। यहां नए उद्योगों की रफ्तार लगभग डेढ़ गुना है। आसपास से गुजर रहे हाईवे जिले के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
वहीं, धौलाना क्षेत्र की सीमा गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर से लगे होने के कारण तथा सस्ती जमीन मिलने से उद्यमियों का जिले की तरफ तेजी से रुझान बढ़ा है।
यही कारण है कि वर्ष 2021-22 के मुकाबले अब जिले में उद्यम पंजीकरण दोगुना से अधिक है। इसमें लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों का दायरा सबसे अधिक है। इस श्रेणी के उद्योगों की संख्या पंजीकरण में ही करीब साढ़े नौ हजार है।
उपायुक्त उद्योग शैलेंद्र सिंह- ने बताया की जिले में उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान संबंधित अधिकारियों से कराया जा रहा है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के उद्यमी भी जिले में उद्योग लगा रहे हैं।