हापुड़ में बदलते मौसम की वजह से वायरल बुखार, जुकाम-खांसी के साथ मांसपेशियों में दर्द हो रहा है। खुद की डॉक्टरी कर एंटीबायोटिक दवा लेने से मर्ज बिगड़ रहा है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो रही है। मर्ज ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है। घर पर डॉक्टरी करने के बजाय चिकित्सक को दिखाएं। छोटी सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है।
मौसम के बदलाव से वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि ऐसे मौसम में वायरस ज्यादा सक्रिय होते हैं। ओपीडी में डेढ़ गुना मरीज बढ़ गए हैं। रोजाना 700 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें बुखार, सिर, हाथ-पैरों और मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, सुस्ती की शिकायत है।
अस्थमा के मरीज सांस लेने में दिक्कत, सीने में भारीपन बता रहे हैं। कई ऐसे भी मरीज हैं, जिन्होंने खुद ही मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक दवा खरीद कर खा ली। इससे दवाओं के रेजिस्टेंट होने का खतरा होता है। इससे वायरल बुखार को ठीक होने में भी 7-10 दिन का समय लग रहा है। शुरुआत में पैरासिटामॉल ले सकते हैं, इससे आराम न मिलने पर विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं। बिना डॉक्टरी परामर्श के एंटीबायोटिक दवाएं न लें।