हापुड़। VIP Number Plate: बहुत सारे लोग सिर्फ गाड़ियों के ही नहीं बल्कि उसके वीआईपी नंबर के भी शौकीन होते हैं। काफी सारे लोग इसको अपने स्टेटस सिंबल से जोड़कर देखते हैं। परिवहन विभाग के उपसंभागीय कार्यालय में नए निजी वाहनों के लिए सीरिज लागू हुई थी, लेकिन इस सीरीज में वीआइपी नंबरों को खरीदने वालों की संख्या बेहद कम है। इससे विभाग को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है।
किसी भी वाहन का पंजीकरण कराते समय एक नंबर दिया जाता है। परिवहन विभाग इसके लिए सीरीज शुरू करता है। इसी कड़ी में एक अप्रैल से नए निजी वाहनों के पंजीयन हेतु नई सीरिज लागू तो की गई लेकिन, वीआईपी नंबरों के लिए खरीददार नहीं मिल रहे हैं। ई-आक्शन (बोली) प्रणाली में नए वाहन स्वामी कम भाग ले रहे हैं। इस कारण 0001 जैसा नंबर भी समय पर नहीं बिक पा रहा है।
एआरटीओ प्रशासन छवि चौहान ने बताया कि ई-आक्शन प्रणाली के जरिए ही वीआइपी नंबरों की बोली लगाई जाती है। विभाग का इसमें कोई रोल नहीं होता है। जो ज्यादा बोली लगाता है, उसे नंबर दे दिया जाता है। किसी माह में कम तो किसी माह में ज्यादा वीआईपी नंबरों की बिक्री होती है।