अलाव के सहारे गुजर रहीं निराश्रितों की रातें, रैन बसेरे हुए फुल
जनपद हापुड़ में प्रशासन ने ठंड से बचाव के लिए जिले में 9 रैन बसेरे अवश्य शुरू किए हैं, लेकिन फिर भी निराश्रित खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं।
ऐसे में सर्द रात में जिंदगी सड़क पर ठिठुर रही है। हापुड़ शहर में तीन रैन बसेरे संचालित हैं। लेकिन निराश्रितों की संख्या के आगे ये छोटे पड़ गए हैं।
इनमें नगर पालिका की ओर से हीटर और पानी क अलावा रजाइयां और गद्दों की व्यवस्था भी सही नहीं है। हालांकि प्रशासन बेहतर व्यवस्था के दावे कर रहा है।
रेलवे स्टेशन के पास रैन बसेरा बनाया गया है। इसमें पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। यहां करीब 40 लोगों के रहने की व्यवस्था है। पुरुषों वाला रैन बसेरा फुल था, जबकि महिलाओं वाले में कुछ ही महिलाएं मौजूद थीं।
एडीएम- श्रद्धा शांडिल्यायन ने बताया कि सर्दी में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लगातार प्रयास किए। जा रहे हैं। रैन बसेरों की व्यवस्था सही है और इसके लिए निरीक्षण किए जा रहे हैं।