जनपद हापुड़ में भारतीय रक्षा प्रणाली (एमईएस) बाबूगढ़ के प्राक्कलन (एस्टीमेट) में ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने करीब 40 लाख रुपये का खेल किया है।
मामला ऊर्जा मंत्रालय तक पहुंच गया है। अधीक्षण अभियंता ने हापुड़ डिवीजन के एक्सईएन को नोटिस जारी कर, तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
एमईएस बाबूगढ़ द्वारा अगस्त 2021 में निर्बाध सप्लाई के लिए आवेदन किया गया था। इस पर ऊर्जा निगम ने आकलन किया लेकिन, उसमें अनियमितता बरती गई। लागत बुक में जो दरें होनी चाहिए थीं, आकलन में उसकी तीन से चार गुना दरें ली गईं। जितना तार डलना भी नहीं था, उससे कहीं अधिक तार एस्टीमेट में दिखाया गया।
बता दें कि पहले एस्टीमेट में जिस लागत डाटा से उन्होंने डबल पोल की कीमत खुद ही 63230 रुपये दिखाई थी, दूसरे एस्टीमेट में उसी पोल की कीमत 71061 रुपये कर दी गई। यह कारनामा इसलिए करना पड़ा, क्योंकि सड़क खोदाई की दूरी पहले एस्टीमेट में 3192 मीटर ली गई थी।
बात पकड़ में आने पर उसे घटाकर आधा करना पड़ा। ऐसे में करीब 9 लाख रुपये का अंतर इससे भी बड़ा खेल यह हुआ कि ऊर्जा निगम की लागत बुक में 11 केवी की लाइन बनाने के लिए एचडीपीई पाइप की प्रति मीटर लागत 490.83 रुपये है, जबकि एस्टीमेट में इसकी करीब तीन गुना 1091 रुपये मीटर की दर ली गई।
यह दर 33 केवी लाइन को बनाने में ली जानी थी। इसमें भी करीब 18 लाख रुपये का खेल हुआ। अब मामला खुला तो ऊर्जा निगम ने भी माना कि एमईएस से 22 लाख 74 हजार 950 रुपये अधिक जमा करा लिए गए। इस राशि को अब बिलों में समायोजित कराने के आदेश किए गए हैं। इस मामले में हापुड़ से ही शिकायत की गई थी, जिसका संज्ञान अब ऊर्जा मंत्रालय ने लिया है।
ऊर्जा मंत्री के पोर्टल से शिकायत की जांच अधीक्षण अभियंता पर आई है, अधीक्षण अभियंता ने अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर, तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। स्पष्टीकरण नहीं देने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
पहले आकलन में डबल पोल के एक जोड़े की कीमत 63230 रुपये दिखाई दूसरे आकलन में इसी पोल की कीमत 71061 रुपये दर्शा दी गई। पहले सिर्फ 6 डबल पोल से काम चल रहा था, दूसरे एस्टीमेट आकलन में सात पोल कर दिए गए। 11 केवी की लाइन में 33 केवी लाइन के एचडीपीई पाइप की लागत जोड़ी, इससे करीब 18 लाख का अंतर बना।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह ने बताया कि ऊर्जा मंत्री के पोर्टल से प्राप्त शिकायत के आधार पर अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी कर, तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आवश्यक कार्यवाही होगी। इसकी सूचना पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी।