हापुड़। दिल्ली एनसीआर का महत्वपूर्ण ज़िला होने का हापुड़ को अब लाभ मिलता नजर आ रहा है। हापुड़ की रेल और सड़क कनेक्टीविटी उद्यमियों को काफी रास आ रही है। अधिकारियों और संबंधित विभागों के साझा प्रयास के बाद जिले में 1500 करोड़ की लघु औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने की सभी बाधाएं दूर हो चुकी हैं। पिछले साल हुए इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न विभागों को करीब दो हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य दिया गया था। जिनमे से 75 प्रतिशत लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिया गया है।
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की बढ़ती कीमतों के बावजूद प्रदूषण और विभिन्न प्रकार की पाबंदियों के बीच निवेशकों के लिए हापुड़ पहली पसंद बना हुआ है। पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निवेशकों की ओर से लगातार रिकार्ड प्रस्ताव आ रहे थे। लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में जाते दिख रहा था।
कुछ बाधाओं के कारण उद्योगों को धरातल पर उतारना मुश्किल हो रहा था। जिसके बाद से अधिकारियों की नियत और प्रयासों पर भी सवाल उठने शुरू हो गए थे। लेकिन अब एक बार फिर कुछ योजनाएं धरातल पर उतारती नजर आ रही हैं।
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त शैलेष कुमार सिंह ने बताया कि समिट के दौरान विभिन्न विभागों को अपने अपने स्तर से बाधाएं दूर करने हुए दो हजार करोड़ के निवेश से औद्योगिक इकाइयों को स्थापित कराने का लक्ष्य दिया गया था। जिनमें से विभागों की ओर से करीब 1500 करोड़ की सूक्ष्म लघु और मध्यम इकाइयों ( एमएसएमई) को स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है। इनकी अधिकतर औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।