जनपद हापुड़ में हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की हेचरी में पलकर अंडों से बाहर आए कछुए अब गढ़ व आसपास के क्षेत्र में गंगा की धारा में अठखेलियां करेंगे। जल्दी ही पांच सौ कछुओं को छोड़न की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
केंद्र सरकार गंगा नदी समेत तमाम नदियों के पानी को स्वच्छ व निर्मला बनाने के प्रयास में जुटी है। इसी कड़ी में अब गंगा नदी को स्वच्छ और पुनर्जीवित करने के अपने प्रयासों के तहत अगले दो महीने के भीतर जिले में 500 से अधिक कछुए गंगा में छोड़े जाएंगे। नदियों को निर्मल बनाने में अहम योगदान देने वाले कछुओं की संख्या गंगा में बढ़ेगी।
नमामि गंगे कार्यक्रम, वन व वन्यजीव विभाग और विश्व वन्यजीव संस्थान कछुओं को गंगा नदी में छोड़ने के कार्यक्रम की तैयारी कर रहा है। इसमें जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सरकार के प्रतिनिधि की भी मौजूदगी रहेगी।
विश्व वन्यजीव संस्थान व वन विभाग द्वारा पिछले करीब एक साल से चलाए जा रहे अभियान के तहत कछुओं के प्रजनन व पुनर्वास का यह पहला प्रयोग सफल होने से अधिकारी गदगद हैं। जल्दी ही पांच सौ कछुओं को छोड़न की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इसके तहत गंगा किनारे के 16 गांवों में वृद अभियान चलाकर किसानों को कछुए के अंडों के बारे में जानकारी दी गई। गंगा किनारे खेती करने वाले किसानों की सूचनाओं पर टीम ने इन अंडों को यहां से हटाकर हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की हेचरी में विस्थापित किया। यहां एक पूरी प्रक्रिया के बाद ये कछुए अंडों से निकलकर छोटे छोटे तालाबों में संरक्षित किए गए थे। करीब छह माह की इस प्रक्रिया के बाद करीब 200 कछुए गंगा में तैरने के लिए तैयार हैं। इसके साथ करीब तीन सौ कछुए अलग अलग सेंटरों से भी मंगाए जा रहे हैं।