जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में खादर में लगे कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थल पर हजारों श्रद्धालु गंगा तट पर पड़ाव डाल चुके हैं। आगे भी कार्तिक पूर्णिमा स्नान वाले दिन तक श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला जारी रहेगा। मेले में चारों तरफ गंगा मैया के जयकारे सुनने को मिल रहे हैं।
गढ़ खादर मेला स्थल पर अब तक करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा के तट पर पड़ाव डाल लिया है। जो गंगा के मुख्य घाट पर पहुंचकर स्नान कर गंगा मैया के जयकारे लगाते हुए भक्ति से सरोबार दिखाई दे रहे हैं। वहीं गंगा घाटों की बात की जाए तो वहां पर मौजूद श्रद्धालु गंगा स्नान और आचमन करते हुए गंगा मैया के जयघोष लगा रहे हैं।
वहीं गंगा तट पर कुछ परिजन अपने बच्चों के कुआं पूजन तो कुछ बच्चों का मुंडन कराते दिखाई दिए। गंगा खादर के रेतीले मैदान में चारों तरफ रौनक देखने को मिल रही है। इसके अलावा सभी सेक्टरों में भंडारों में प्रसाद भी वितरण किया जा रहा है।
गोपाष्टमी का पहला स्नान पर्व आज- गढ़ खादर के पौराणिक और ब्रजघाट के शहरी मेले में पड़ाव डालने वाले भक्त गंगा किनारे विभिन्न पर्व मनाते हैं, जिनमें प्रथम पर्व कहलाए जाने वाला गोपाष्टमी पर्व 20 नवंबर को (आज) मनाया जाएगा। यह माना जाता है कि नंद बाबा ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को प्रथम बार भगवान श्रीकृष्ण को गायों को चराने जंगल में भेजा था, जिन्होंने गोमाता की वैदिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना कर अपने दायित्व का निर्वहन प्रारंभ किया था। जिसे लेकर प्रतिवर्ष गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों को गढ़ खादर मेले में लेकर आए भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे विभिन्न अनुष्ठान संपन्न कराए थे।