हापुड़ में साठा चौरासी के ठाकुरों की नाराजगी मतदान के दिन बूथों पर दिखी। घनी आबादी वाले गांवों में 60 फीसदी मतदान भी नहीं हुआ। मुस्लिमों के गांवों में 70 फीसदी तक वोट पड़े।
हापुड़ जिले में तीन लोकसभा सीटें लगती हैं, हर सीट पर कई बिरादरी निर्णायक भूमिका में रहती हैं। इस बार चुनाव किसी भी प्रत्याशी के लिए आसान नहीं रहा। क्योंकि कहीं मतदाताओं की नाराजगी ने मतदान गिरा दिया तो कुछ बिरादरी छिटक कर दूसरे प्रत्याशी पर पहुंच गई। इस चुनाव में मुस्लिम वोट एक मुश्त पड़ता दिखा, जिस कारण मुस्लिम बाहुल्य गांवों का मतदान भी सबसे अधिक रहा।
जाटों के कई बड़े गांवों में भी मतदान फीका रहा, हालांकि कुछ में 65 फीसदी तक वोट पड़े। त्यागी बाहुल्य गांवों में मिला-जुला असर रहा। ब्राह्मणों ने लोकतंत्र में खूब आहुति दी। दलितों की बस्तियों में जमकर वोट पड़े।