हापुड़। सुबह का समय था। गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में व्यस्त थे। वहीं दूसरी ओर पुलिस की एक टीम पूरी सतर्कता के साथ एक कुख्यात अपराधी की तलाश में थी। यह वही बदमाश था, जो कई सालों से इलाके में दहशत का पर्याय बन चुका था रुपेश उर्फ रुपेन्द्र, गढ़मुक्तेश्वर का टॉप-10 हिस्ट्रीशीटर। उसके खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमों की फेहरिस्त लंबी थी, लेकिन अब तक वह पुलिस की गिरफ्त से दूर था। लेकिन शनिवार की सुबह पुलिस को खुफिया सूचना मिली कि रुपेश इलाके की नेचर पैराडाइज नर्सरी के पास छिपा हुआ है। बिना देर किए थाना प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने टीम को सक्रिय किया।
योजनाबद्ध तरीके से पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की और कुछ ही देर में उस अपराधी को पकड़ लिया गया, जिसने वर्षों से कानून को चुनौती दे रखी थी। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसकी तलाशी ली तो उसके पास से एक अवैध चाकू भी बरामद हुआ, जिसे वह किसी वारदात की फिराक में रखने की तैयारी में था। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के आगे उसकी एक न चली।
अपराध की लम्बी कहानी
रुपेश उर्फ रुपेन्द्र का नाम गढ़मुक्तेश्वर इलाके के लोगों के लिए नया नहीं है। ग्राम नयांगांव इनायतपुर निवासी यह व्यक्ति पिछले कई वर्षों से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसके खिलाफ गढ़मुक्तेश्वर थाने में दर्जनों संगीन मुकदमे दर्ज हैं- मारपीट, लूट, धमकी, अवैध हथियार रखना, और सबसे गंभीर, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई। एक समय ऐसा भी था जब लोग दिन-दहाड़े उसके नाम से डरते थे। कोई उसके खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं होता था। यहां तक कि वह न्यायालय द्वारा जारी समन और वारंटों की भी अनदेखी कर रहा था। लेकिन अब कानून ने उसे उसकी हदें दिखा दी हैं।
कानून का संदेश
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और अब उसके खिलाफ उचित धाराओं में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तारी के बाद थाना प्रभारी नीरज कुमार ने कहा, जनपद हापुड़ में अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। कोई भी अपराधी पुलिस की निगाह से बच नहीं सकता। हम कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गढ़मुक्तेश्वर की आम जनता ने इस कार्रवाई की सराहना की है। लोगों का कहना है कि इस गिरफ्तारी से क्षेत्र में अपराध का खौफ कम होगा और लोगों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी।
अब क्या आगे?
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या पुलिस इस गिरफ्तारी के बाद बाकी फरार अपराधियों पर भी इसी तरह शिकंजा कस पाएगी? क्या यह एक मिसाल बनेगी ताकि कोई भी रुपेश बनने का सपना न देख सके? फिलहाल, एक खौफनाक चेहरा सलाखों के पीछे पहुंच चुका है, और गढ़मुक्तेश्वर ने राहत की सांस ली है।