हापुड़। 1971 के युद्ध के बाद पहली बार देश में आज बड़े स्तर पर मॉकड्रिल होगी। पहलगाम हमले के बाद युद्ध की स्थिति को लेकर यह अलर्ट रहेगा। हालांकि, जिले को इसमें शामिल नहीं किया गया है, लेकिन मंगलवार शाम मेरठ में हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसके तहत जिले में ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम को लागू किया जाएगा। साथ ही अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट रहेगा।
मॉक ड्रिल पूरे भारत में एक संगठित अभ्यास है, जिसका उद्देश्य हवाई हमलों और आतंकी गतिविधियों जैसे आपातकालीन हालात में देश की प्रतिक्रिया प्रणाली को परखना है। पहलगाम हमले के बाद इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया है। लोगों को जागरूक करने के साथ ही दंगा नियंत्रण स्कीम को लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार की सूची में जिले को मॉकड्रिल के लिए शामिल नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने अपने स्तर से कुछ तैयारी की है। बुधवार को जिले में पब्लिक एड्रेस सिस्टम को लागू किया जाएगा। एएसपी विनीत भटनागर का कहना है कि उच्च अधिकारियों ने आदेश दिए हैं। इसके तहत जिले में तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस अभ्यास में सभी स्तरों पर नागरिकों की भागीदारी से सामूहिक जागरूकता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
37 फैक्टरियों में लगे अलार्म :
जिले की 37 फैक्टरियों में अलार्म लगे हुए हैं। इनको बजाकर लोगों को अलर्ट किया जाएगा। अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट करने के साथ ही दंगा नियंत्रण स्कीम को लागू किया जाएगा। जहां लोगों को युद्ध की स्थिति में किस प्रकार बचाव करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा बाबूगढ़ छावनी में तैनात सेना के जवान और पूर्व सैनिक सड़कों पर उतर सकते हैं।