हापुड़ में निराश्रित गोवंशों के कारण कोई हादसा न हो और खेतों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंशों का संरक्षण करने के आदेश दिए थे। इसके लिए हर जिले के विकास खंड क्षेत्रों में गो आश्रय स्थल बनाए गए थे, लेकिन इनमें भी अब जगह नहीं बची है। सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंशों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। लेकिन अधिकारियों का इस पर कोई ध्यान नहीं है।
जिले में चार विकास खंड हैं। इनमें 37 गो आश्रय स्थल संचालित हैं। इनमें बड़ी संख्या में गोवंश पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में और गोवंश रखने की क्षमता खत्म हो चुकी है। हालांकि, अधिकारियों ने इससे बचने का तरीका निकाला हुआ है। कागजों में तो सड़कों पर गोवंशों के न होने की बात है, लेकिन धरातल पर हकीकत इससे कोसों है।
जमीनी हकीकत नहीं बदली। जिले में निराश्रित गोवंश सड़कों पर घूम रहा है। इनके सरंक्षण के लिए गोशालाएं कम पड़ गई हैं। निराश्रित गोवंश भी सड़कों पर विचरण करते नजर आ रहे हैं। यह गोवंश किसान, राहगीर और वाहन चालकों की जान के दुश्मन बने हुए हैं।
सीवीओ डॉ. एनएन शुक्ला- ने बताया की दो नए गो आश्रय स्थल आचार संहिता के बाद बनने शुरू हो जाएंगे। कुछ स्थानों पर गोवंशों के घूमने की शिकायत मिली है। इसका संज्ञान लेते हुए सभी गोवंशों को सड़कों से हटवाया जा रहा है। गो आश्रय स्थलों की क्षमता बढ़ाने का प्रयास भी चल रहा है।