जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में निजी सेक्टर की मदद से जिले में टेक्सटाइल पार्क विकसित होंगे। इन पार्कों के बनने से न केवल जिले की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। वहीं, युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। इन्हें मुख्यमंत्री वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना के नाम से शुरू किया जा रहा है। बजट में हुई घोषणा के बाद इसे लेकर बुनकरों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है।
एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत जनपद के हथकरघा उत्पाद दुताई, खेस, चादर को ओडीओपी के तहत चयनित किया गया था। इसके बाद जिले का यह उत्पाद दिल्ली तक पहुंचा था। सिंभावली क्षेत्र के गांव बक्सर में वर्तमान में करीब 300 से 350 बुनकर परिवार कपड़ा बुनाई के काम से जुड़े हैं। टेक्सटाइल पार्क की मंजूरी मिलने से बुनकरों में खुशी दिखाई दे रही है। एक ही जगह टेक्सटाइल से जुड़ी सभी सुविधा मिल सकेगी। इन पार्कों के बनने से युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। जिले की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
बुनाई, प्रोसेसिंग, डाई, प्रिटिंग आदि के सभी कार्य स्थानीय स्तर पर एक ही जगह पर होने से बुनकरों को इधर-उधर की भाग दौड़ से छुटकारा मिलेगा। साथ ही लागत में कमी आने का फायदा भी बुनकरों को मिलेगा। शहजाद अंसारी ने बताया कि सरकार ने टेक्सटाइल पार्क की जो घोषणा की है, उसका लाभ क्षेत्र के कारीगरों को मिलेगा। धागे व रंगाई के लिए इधर-उधर भागते थे, उनको अब एक जगह टेक्सटाइल से जुड़ी सभी सुविधा मिल सकेगी।
खालिद अंसारी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने टेक्सटाइल पार्क के लिए मंजूरी दी है, इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रिंटिंग के लिए सामान को बाहर भेजना पड़ता था। अब यह सुविधा यहीं मिल सकेगी। इससे लागत में कमी आएगी।